Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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बहुचर्चित रिश्वत कांड: सतना नगर निगम के पूर्व कमिश्नर को पांच साल की जेल

देश, मध्य प्रदेश
सतना (Satna)। शहर में छह साल पहले हुए बहुचर्चित रिश्वत कांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। रीवा लोकायुक्त पुलिस (Rewa Lokayukta Police) ने 22 लाख रुपये की रिश्वत (Rs 22 lakh bribe) लेते हुए सतना नगर निगम (Satna Municipal Corporation) के तत्कालीन आयुक्त सुरेंद्र कथूरिया (Former Commissioner Surendra Kathuria) (48) को रंगेहाथों पकड़ा था। अदालत ने मामले में आरोपित पूर्व नगर निगम आयुक्त कथूरिया को पांच के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला 26 जून 2017 का है। रीवा लोकायुक्त रीवा की टीम ने पूर्व नगर निगम कमिश्नर सुरेंद्र कथूरिया को शासकीय आवास से 22 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा था। लोकायुक्त ने 12 लाख कैश और 10 लाख का सोना जब्त किया था। रिश्वत की ये रकम उन्होंने सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉ. राजकुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल से नर्...
जेल में भिड़े मूसेवाला के हत्यारोपी, दो की मौत, एक घायल

जेल में भिड़े मूसेवाला के हत्यारोपी, दो की मौत, एक घायल

देश
चंडीगढ़। पंजाब की गोविंदवाल साहिब जेल में बंद गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपितों के बीच रविवार को हुई खूनी झड़प में दो गैंगस्टरों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना पर रिपोर्ट तलब कर ली है। मूसेवाला हत्याकांड के आरोपित गैंगस्टर मनदीप सिंह तूफान तथा मनमोहन सिंह मोहना की जेल में कैदियों के साथ किसी बात को लेकर झड़प हुई। इसके बाद कैदियों ने उसे पीट-पीटकर कर मौत के घाट उतार दिया। इन दोनों को सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दौरान स्टैंडबाय रखा गया था। मूसेवाला की हत्या के बाद दोनों आरोपित लुधियाना के संदीप के साथ अंडरग्राउंड हो गए थे। संदीप ने दोनों आरोपितों को लुधियाना में अपने एक रिश्तेदार के घर में पनाह देकर कई दिनों तक रखा था। कुछ दिन लुधियाना में रहने के बाद दोनों गैंगस्टर मनदीप सिंह तूफान और मनी लुधियाना से चले गए थे, जबकि उसके बा...

मप्र: दुष्कर्मियों-आतंकियों को अब आखिरी सांस तक रहना होगा जेल में

देश, मध्य प्रदेश
- प्रदेश में 12 हजार से अधिक बंदी काट रहे आजीवन कारावास की सजा भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में विभिन्न अधिनियमों में आजीवन कारावास से दंडित बंदियों (prisoners sentenced to life imprisonment) की रिहाई की अवधि की प्रस्तावित नीति -2022 (release period Proposed Policy of 2022) पर चर्चा हुई। वर्तमान में प्रदेश में वर्ष 2012 की नीति लागू है। वर्तमान में प्रदेश के 131 जेलों में 12 हजार से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आजीवन कारावास की सजा प्राप्त बंदियों के संबंध में जो नई नीति तैयार की गई है, उसमें जघन्य अपराधियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। आतंकी गतिविधियों और नाबालिगों से बलात्कार के अपराधियों का कारावास 14 वर्ष में समाप्त नहीं होगा। मध्यप्रदेश में ऐसे अपराधियों को अंतिम साँस तक कारावास में ही रहन...
सीजेआई ने जेलों को बताया “ब्लैक बॉक्स,” बोले- जमानत मिलने की दिक्कतों पर देना होगा ध्यान

सीजेआई ने जेलों को बताया “ब्लैक बॉक्स,” बोले- जमानत मिलने की दिक्कतों पर देना होगा ध्यान

दिल्ली, देश
नई दिल्‍ली । भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति (Chief Justice of India) एनवी रमण (NV Raman) ने देश में विचाराधीन यानी अंडर ट्रायल कैदियों (prisoners) की बड़ी संख्या पर चिंता जताई। शनिवार को सीजेआई रमण ने कहा कि यह क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि उन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाना होगा जिनके कारण लोगों को बिना मुकदमे के लंबे समय तक जेल में रहना पड़ता है। "क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में प्रक्रिया एक सजा है" न्यायमूर्ति रमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि देश के 6.10 लाख कैदियों में से करीब 80 प्रतिशत विचाराधीन बंदी हैं। उन्होंने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में प्रक्रिया ''एक सजा'' है। उन्होंने जेलों को "ब्लैक बॉक्स" बताते हुए कहा कि जेलों का अलग-अलग श्रेणियों के कैदियों पर अलग-अलग प्रभाव होता है, विशेष रूप से वंचित समुदायों से ताल्लुक रखने वाले बंदियों पर। सीज...