Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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इस्लाम के नाम पर हलाल सर्टिफिकेट से देश में होती मनी लॉन्ड्रिंग

इस्लाम के नाम पर हलाल सर्टिफिकेट से देश में होती मनी लॉन्ड्रिंग

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी हलाल सर्टिफिकेट को लेकर यूपी एसटीएफ के बाद अब ईडी भी इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने जा रही है, जिसके लिए हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों और उससे जुड़ी संस्थाओं पर शिकंजा कसना शुरू हो रहा है। वस्तुत: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाली संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। मनी लॉन्ड्रिंग में वित्तीय परिसंपत्तियों को छिपा कर उनका उपयोग उस अवैध गतिविधियों में किया जाता है जो देश के विरोध में हैं। अपराधी, आपराधिक गतिविधि से प्राप्त मौद्रिक आय को दूसरे प्रकार के धन में बदल देता है। इस प्रक्रिया के विनाशकारी सामाजिक परिणाम होते हैं। एक प्रकार से मनी लॉन्ड्रिंग ड्रग डीलरों, आतंकवादियों, हथियार डीलरों और अन्य अपराधियों को अपने आपराधिक उद्यमों को संचालित करने और विस्तारित करने के लिए ईंधन प्रदान करत...
गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

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- हृदयनारायण दीक्षित गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि, 'इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ था। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इसी देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे, बाद में मतांतरित हो गए।' कांग्रेस का साथ छोड़कर डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का बयान महत्वपूर्ण है। आजाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है, 'पहले कश्मीर में कोई मुसलमान नहीं था। वहां सभी कश्मीरी पंडित थे। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। हम बाहर से नहीं आए हैं। इसी मिट्टी की पैदावार हैं। इसी मिट्टी में खत्म होना है। हिन्दू धर्म प्राचीन है।' आजाद की यह वाकई महत्वपूर्ण और तटस्थ टिप्पणी है, क्योंकि हिन्दू संस्कृति एक है। अनेक रूपों वाली यह संस्कृति सर्वसमावेशी है। अपनी मूल आत्मा में...
पहले जमीयत के महमूद इतिहास तो पढ़ लेते!

पहले जमीयत के महमूद इतिहास तो पढ़ लेते!

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख महमूद मदनी का यह कहना, 'इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो बाहर से आया है, सरासर गलत और निराधार है। इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है। इस्लाम भारत का ही मजहब है और सारे मजाहिद और सारे धर्मों में सबसे पुराना मजहब है। इस्लाम के आखिरी इसी दिन को मुकम्मल करने के लिए तशरीफ लाए थे।' बहुत आश्चर्य है ! एक नैरेटिव गढ़ने के लिए वे झूठ भी बोलते हैं तो इतनी सफाई से। जिस खुदा और उनके शब्दों में पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम(प्रोफेट मोहम्मद) का वे जो हवाल देते हैं, कम से कम अपनी नहीं तो अपने खुदा एवं अपने ईश्वर का तो बोलते वक्त ध्यान रख लेते? देखा जाए तो इस समय नैरेटिव गढ़ने का दौर चल पड़ा है। कभी-कभी लगता है कि 21वीं सदी विकास के लिए कम नैरेटिव के लिए जरूर अधिक याद की जाएगी । आखिर अब 'ईसाइयत' के बाद सार्वजनिक मंच से 'इस्लाम' को भी झूठ के सह...
मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?

मदनीः इस्लाम जन्मा भारत में?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया महमूद मदनी के बयान पर हंगामा मचा हुआ है। हमारे टीवी चैनलों पर आजकल यही सबसे बड़ा मुद्दा है। मदनी के इस कथन का कोई एतिहासिक प्रमाण नहीं है कि 'इस्लाम का जन्म-स्थान अरब देश नहीं, भारत है। पहले नवी का जन्म भारत में ही हुआ है। यह मुसलमानों की मातृभूमि है। इस्लाम को विदेशी मजहब मानना एतिहासिक दृष्टि से गलत है और बिल्कुल निराधार है।' ये वाक्य मदनी ने पढ़कर सुनाए थे, जमीयत के 34 वें अधिवेशन में। यूं तो मदनी अपने आप में उत्तम वक्ता हैं लेकिन यह समझ में नहीं आया कि ये विवादास्पद वाक्य उन्होंने पढ़कर क्यों सुनाए? हो सकता है कि जैसे हमारे बड़े नेताओं के भाषण उनके अफसर लिखकर दे देते हैं और वे उन्हें श्रोताओं के सामने पढ़ डालते हैं, वैसे ही यह गलती मदनी से भी हो गई है। लेकिन इस गलती के पीछे छिपी भावना को समझने की कोशिश की जाए तो लगेगा कि मदनी किसी भी बड़े ...
पाकिस्तान में कैसा इस्लाम?

पाकिस्तान में कैसा इस्लाम?

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक पिछले हफ्ते दुबई में मुझे कई अफगान और पाकिस्तानी मिले। सब के सब पाकिस्तान के हालात पर बहुत परेशान दिखे। आर्थिक दृष्टि से तो पाकिस्तान का संकट सारी दुनिया को पता चल ही गया है लेकिन अभी-अभी वहां के मानव अधिकार आयोग की जो ताजा रपट आई है, उसे देखने से पता चलता है कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों- हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, शियाओं और अहमदिया लोगों की हालत कितनी बुरी है। उनके मंदिरों, गिरजों, गुरुद्वारों और मस्जिदों के जलाए जाने की खबरें तो टीवी चैनलों और अखबारों में छपती ही रहती हैं। वे छिपाए भी नहीं छिपती हैं। लेकिन वहां गैर-मुस्लिमों को मार-मारकर जो मुसलमान बनाया जाता है, उसके बारे में जो ताजा तथ्य और आंकड़े सामने आए हैं, उनसे पाकिस्तान ही नहीं, इस्लाम की भी छवि मलिन होती है। पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग ने दावा किया है कि अकेले सिंध प्रांत में एक साल में 60 जबरन धर्मांतरण क...
रूबी आसिफ को जला भी दोगे तब भी इस्लाम की मूर्ति पूजा को कैसे करोगे बंद ?

रूबी आसिफ को जला भी दोगे तब भी इस्लाम की मूर्ति पूजा को कैसे करोगे बंद ?

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी पंथ के स्तर पर इस्लाम को लेकर यही मान्यता है कि वह मूर्ति या चित्र पूजा को नहीं मानता। इसी धारणा को आधार मानकर सदियों से अनेक संस्कृतियों को नष्ट करने का सिलसिला जारी है, क्योंकि उनमें मूर्ति जीवन्त है, उसकी प्राण प्रतिष्ठा है और आदिकाल से ये सभी संस्कृतियां मूर्ति पूजा करती आ रही हैं। यही कारण है कि मजहबी उन्माद और इस्लाम के आक्रमण से आक्रान्त कई सभ्यताएं अब तक नष्ट हो चुकी हैं। किंतु कुछ सभ्यता एवं संस्कृतियों ने अपने संघर्ष को बनाए रखा है और वे सभी आज भी हमारे बीच जीवन्त हैं। कहना चाहिए कि इन्हीं जागृत संस्कृतियों में से एक हिन्दू या सनातन संस्कृति भी है। भारत में आई इस इस्लामिक आंधी के प्रभाव में अनेक स्थलों पर मतान्तरण भी देखा गया, फिर वह छल से, बल से अथवा प्रभाव से ही क्यों न हो ? परन्तु क्या ऐसे प्रभाव को पूर्ण समाप्त किया जा सका जो हिन्दू न रहते हुए भी पूर्वव...

शांति के पंथ इस्लाम की असहिष्णुता

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी दुनिया भर में इस्लाम को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसे शांति का पंथ बताने वालों की कोई कमी नहीं, किंतु पूरी दुनिया से जो बोलती तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे कुछ ओर ही कह रही हैं। विश्व के किसी भी कोने में घट रही पांथिक घटनाओं पर गौर कीजिए! आप पाएंगे कि अधिकांश में इस्लाम को माननेवाले सीधे या पीछे से सहभागी हैं। भारत में तत्काल की दो घटनाओं को देखिए- कर्नाटक में दलित युवक का जबरन मुस्लिम मतांतरण करा दिया गया। उसे बीफ खाने को मजबूर किया गया। श्रीधर का बेंगलुरु की एक मस्जिद में जबरन 'खतना' कर दिया गया। 'खतना' करने के बाद उसे इस्लाम का प्रशिक्षण दिया गया। फिर उससे कहा गया कि हर साल कम-से-कम तीन लोगों का मतांतरण उसे कराना है। इससे जुड़ी दूसरी घटना में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल की अदालत को बताया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने भारत में इस्लामी शासन स्थापित ...
चीन में इस्लाम को कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के अनुकूल होना चाहिए: शी जिनपिंग

चीन में इस्लाम को कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के अनुकूल होना चाहिए: शी जिनपिंग

विदेश
नई दिल्‍ली । चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने कहा है कि उनके देश में इस्लाम चीन के अनुकूल होना चाहिए. शी जिनपिंग ने यह बात शिनजियांग राज्य (Xinjiang State) के अधिकारियों से कही है जहां वह चार दिन के दौरे पर पहुंचे हैं. बता दें कि शिनजियांग चीन का वही राज्य है जहां पर उइगर मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है. शी जिनपिंग ने यहां अपने अधिकारियों से कहा है कि इस्लाम को चीन के अनुकूल बनना चाहिए और समाजवादी ढांचे को अपनाना चाहिए जिसका चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी प्रतिनिधित्व करती है. चीन के राष्ट्रपति ने अपने अधिकारियों से कहा कि इस समुदाय को चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ानी चाहिए. इसके साथ ही उन्हें अन्य समुदाय के साथ संवाद स्थापित करने के लिए काम करना चाहिए. शी ने धार्मिक मामलों में शासन क्षमता में सुधार लाने और धर्मों के स्वस्थ विकास को साकार करने की आवश...