Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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इज़राइल-ईरान संघर्ष बढ़ा तो प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा

इज़राइल-ईरान संघर्ष बढ़ा तो प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा

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- ललित मोहन बंसल ईरान ने खाड़ी में अपने वर्चस्व के लिए आतंकवादी संगठनों-लेबनान में हिज़्बुल्लाह, फ़िलिस्तीन-गाजा में हमास और यमन में हाउती को खूब पाला-पोसा। अब इन्हीं की गलतियों की सजा अगर ईरान भुगतता है तो वह समझ ले कि शिया आतंकवादियों के माई-बाप आयतुल्ला खुमैनी को खाड़ी में सिर छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी? इज़राइल के यहूदी समुदाय की नसों में खून खौल रहा है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु विवश होते जा रहे हैं कि वह अपनी अंतिम चाल चल दें, वहीं रूस खुले तौर पर और चीन दबे स्वर में इज़राइल को घेरने की कोशिश में हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेमेबंदी जारी है। ध्यान में यह भी रहे कि अमेरिका में अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव हैं। प्रतिष्ठा के इस चुनावी माहौल में डेमोक्रेट को चुनाव जीतना है तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को इज़राइल के पक्ष में खुल कर सामने आना होगा। बेंजामिन...
भारत ने ईरान को हराकर आठवीं बार जीता एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप का खिताब

भारत ने ईरान को हराकर आठवीं बार जीता एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप का खिताब

खेल
बुसान। पवन सहरावत के सुपर 10 और असलम इनामदार और अर्जुन देशवाल के बहुमूल्य योगदान से भारत ने शुक्रवार को ईरान को 42-32 से हराकर एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। यह भारत का आठवां एशियाई चैम्पियनशिप खिताब है। भारतीय टीम ने मैच में शानदार प्रदर्शन किया, खासकर भारतीय रेडरों का प्रदर्शन काफी बेहतरीन रहा, जिससे भारतीय टीम को अंक जुटाने में मदद मिली और टीम पूरे खेल में हमेशा ईरान से छह से सात अंक आगे रही। सईद गफ़री, मोईन शफ़ागी और अमीरमोहम्मद के साथ-साथ मोहम्मदरेज़ा शादलूई चियानेह ने ईरान के लिए बेहतर किया, लेकिन ईरानी आक्रमण अपने भारतीय समकक्ष की क्षमता और निरंतरता से मेल नहीं खा सका। मैच में ईरान ने आक्रामक शुरुआत की, लेकिन भारत इस महत्वपूर्ण फाइनल में मजबूती से खड़ा रहा। कप्तान पवन सहरावत ने दो टच प्वाइंट के साथ ईरानी टीम को ऑल-आउट किया और स्कोर 10-4 कर दिया। भारत ने ईरानियों प...
चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

चीन में मुस्लिमों की दुर्दशा पर कब आवाज उठाएंगे ईरान-सऊदी

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- आर.के. सिन्हा बताया जा रहा है कि एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे सऊदी अरब और ईरान ने अपनी सारी पुरानी अदावत को भूलकर दोस्ती करने का फैसला किया है। इन दोनों देशों को करीबी लाने का श्रेय अब हैरानी की बात यह है कि चीन को दिया जा रहा है। दरअसल सऊदी अरब में एक शिया मौलवी को 2016 में फांसी की सजा दी गई थी और इसी मुद्दे पर 2016 में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीतिक संबंध खत्म हो गए थे। तब से ये दोनों देश एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए थे। सऊदी अरब खुद को सरी दुनिया के सुन्नी मुसलमानों का रहनुमा मानता है और ईरान अपने को शिया मुसलमानों का। ऐसे में इन दोनों के कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने के फैसले से सारी दुनिया कुछ हैरान तो अवश्य है। आप जानते हैं कि दोनों ही देश तेल उत्पादक देश हैं। दोनों ही देश अपने व्यवसायिक दिलचस्पी के वर्चस्व की लड़ाई लड़ते हैं पर यहां एक जरूरी चिंता को नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या सऊदी...
ईरान-सऊदी अरब की दोस्ती के मायने

ईरान-सऊदी अरब की दोस्ती के मायने

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक मेरी समझ में विदेश नीति के मामले में चीन, भारत से कुछ आगे निकल रहा है, इसका ताजा उदाहरण हमारे सामने है। हम चीन को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपना प्रतिद्वंद्वी समझते हैं और अपनी जनता को यह समझाते रहते हैं कि देखो, हम चीन से कितने आगे हैं लेकिन शुक्रवार को ईरान और सऊदी अरब के बीच जो समझौता हुआ है, उसका सारा श्रेय चीन लूट रहा है। पिछले सात साल से ईरान और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंध भंग हो चुके थे, क्योंकि सऊदी अरब में एक शिया मौलवी की हत्या कर दी गई थी। ईरान एक शिया राष्ट्र है। तेहरान स्थित सऊदी राजदूतावास पर ईरानी शियाओं ने जबरदस्त हमला बोल दिया था। सऊदी सरकार ने कूटनीतिक रिश्ता तोड़ दिया। इस बीच सऊदी अरब और ईरान पश्चिम एशियाई देशों के आंतरिक मामलों में एक-दूसरे के विरुद्ध हस्तक्षेप भी करते रहे। यमन, सीरिया, एराक और लेबनान जैसे देशों में एक-दूसरे के समर्थकों को सैन्...
घुटने टेकता ईरान

घुटने टेकता ईरान

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक ईरान में हिजाब के विरुद्ध इतना जबर्दस्त जन-आंदोलन चल पड़ा है कि मुल्ला-मौलवियों और आयतुल्लाहों की सरकार को घुटने टेकने पड़ गए हैं। उसने घोषणा की है कि वह ‘गश्त-ए-इरशाद’ नामक अपनी मजहबी पुलिस को भंग कर रही है। इस पुलिस की स्थापना 2006 में राष्ट्रपति महमूद अहमदनिजाद ने इसलिए की थी कि ईरानी लोगों से वह इस्लामी कानूनों और परंपराओं का पालन करवाए। देखिए, ईरान की कथा भी कितनी विचित्र है। सउदी अरब और यूएई जैसे सुन्नी और अरब राष्ट्रों से ईरान की हमेशा ठनी रहती है लेकिन फिर भी वह हिजाब-जैसे सुन्नी और अरबी रीति-रिवाजों को उनसे भी ज्यादा सख्ती से लागू करने पर आमादा रहता है। ईरान तो आर्य राष्ट्र है। उसके शहंशाह को ‘आर्य मेहर’ कहा जाता था। लेकिन ईरान अपने भव्य भूतकाल को भूलकर अब अरबों की नकल करता है और दूसरी तरफ वह अपने शिया होने पर इतना गर्व करता है कि सुन्नी राष्ट्रों का वह इजराय...
ईरान में हिजाब पर जन आक्रोश

ईरान में हिजाब पर जन आक्रोश

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक ईरान में हिजाब के मामले ने जबरदस्त तूल पकड़ लिया है। पिछले दो माह में 400 लोग मारे गए हैं, जिनमें 58 बच्चे भी हैं। ईरान के गांव-गांव और शहर-शहर में आजकल वैसे ही हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जैसे कि अब से लगभग 50 साल पहले शंहशाहे-ईरान के खिलाफ होते थे। इसके कारण तो कई हैं लेकिन यह मामला इसलिए भड़क उठा है कि 16 सितंबर को एक मासा अमीनी नामक युवती की जेल में मौत हो गई। उसे कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल में उसकी बुरी तरह से पिटाई हुई थी। उसका दोष सिर्फ इतना था कि उसने हिजाब नहीं पहन रखा था। हिजाब नहीं पहनने के कारण पहले भी कई ईरानी स्त्रियों को बेइज्जती और सजा भुगतनी पड़ी है। कई युवतियों ने तो टीवी चैनलों पर माफी मांग कर अपनी जान बचाई। यह जन आक्रोश तीव्रतर रूप धारण करता जा रहा है। अब लोग न तो आयतुल्लाहों के फरमानों को मान रहे हैं और न ही राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी...
ईरान में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने चलाई गोलियां, गुस्‍साये लोगों की आगजनी और तोड़फोड़

ईरान में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने चलाई गोलियां, गुस्‍साये लोगों की आगजनी और तोड़फोड़

विदेश
नई दिल्‍ली । ईरान (Iran ) में हिजाब (Hijab) का मुद्दा लगातार हिंसक बना हुआ है. अब, हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग (firing) कर दी. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद लोगों में गुस्सा भड़क उठा और सड़कों पर उतर अपना विरोध प्रदर्शन (Protest) किया. इस दौरन आगजनी की कई घटनाएं सामने आयी. हिजाब के खिलाफ विरोध एक ओर जहां लगातार जारी है वहीं लड़कियों पर हमले भी लगातार हो रहे हैं. बीते दिनों, जहां माहसा अमीनी की हत्या के बाद एक ओर युवती निका शकरामी की हत्या कर दी गई. 17 साल की लड़की की पहले नाक काट दी गई फिर उसका सिर कुचल दिया. यहीं नहीं, ईरान के सुरक्षाबलों ने उसके शव को एक गांव में जबरन दबा दिया. प्रदर्शन विदेशी ताकतों द्वारा संचालित- राष्ट्रपति ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी प्रदर्शन में अब स्कूल की लड़किया भी शामिल हो गई हैं. बड़ी संख्या में स्कूली लड़कियां स...

ईरान में हिजाब पर कोहराम

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक मुस्लिम औरतें हिजाब पहने या नहीं, इस मुद्दे को लेकर ईरान में जबरदस्त कोहराम मचा हुआ है। जगह-जगह हिजाब के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई लोग हताहत हो चुके हैं। तेहरान विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हड़ताल कर दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खुमैनी के खिलाफ खुले-आम नारे लग रहे हैं। विभिन्न शहरों और गांवों में हजारों पुलिसवाले तैनात कर दिए गए हैं। ऐसा लग रहा है कि ईरान में शहंशाह के खिलाफ जो माहौल सन 1975-78 में देखने में आया था, उसकी पुनरावृत्ति हो रही है। कई बड़े शिया नेता भी हिजाब का विरोध करने लगे हैं। यह कोहराम इसलिए शुरू हुआ है कि महसा आमीनी (22 ) नामक युवती को तेहरान में गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि उसने हिजाब नहीं पहना हुआ था। गिरफ्तारी के तीन दिन बाद 16 सितंबर को जेल में ही उसकी मौत हो गई। उसके सिर तथा अन्य अंगों पर भयंकर चोट के निशान थे। इस घटना ...