अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : महिलाओं पर अत्याचार, पुलिस गुनहगार
- डॉ. प्रभात ओझा
प्रोफेसर जीएन साईंबाबा की रिहाई के आदेश और उधर, शाहजहां शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सीबीआई को सौंपने के मामले में हीलाहवाली के मामले चर्चा में हैं। आमतौर पर दोनों ही मामले ठीक विपरीत हैं। साईंबाबा को बंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने माओवादी गतिविधियों में शामिल होने के प्रमाण नहीं मिलने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। रिहाई होने की स्थिति में उन्हें और उनके परिवार को करीब 11 साल बाद न्याय मिल सकेगा। दूसरी ओर संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और ईडी टीम पर हमले के आरोपित शाहजहां शेख को कलकत्ता हाई कोर्ट की दखल के बाद भी सीबीआई को सौंपने से इनकार का मुद्दा एक अपराधी और उसके गुर्गों के पक्ष में जाता साफ दिख रहा है।
हाई कोर्ट की सख्ती और दोबारा आदेश के बाद शेख सीबीआई को सौंपा गया। प्रोफेसर साईंबाबा और शाहजहां शेख के व्यक्तित्व धुर विरोधी हैं। एक पढ़ा-लिखा व...