भारत ने दिलाई मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय पहचान
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
मोटा अनाज यानी की श्रीअन्न आज दुनिया की पसंद बनता जा रहा है। दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज समूची दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मना रही है। मोटे अनाज के महत्व और पोषकता को देखते हुए ही इसे श्रीअन्न कहकर पुकारा गया। 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोटे अनाज को पोषक अनाज घोषित करने के लिए विश्वव्यापी अभियान शुरू किया था। यह उनके प्रयासों का नतीजा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने मोटे अनाज के महत्व को समझते हुए 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर घोषित किया। आज देश-दुनिया के देश मोटे अनाज के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
दरअसल खान-पान के चलते एक के बाद एक बीमारियों से लोग दो-चार होने लगे हैं। ऐसे में मोटा अनाज एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है। देश-विदेश में मोटे अनाज का गुणगान होने लगा है। मोटापा, डायबिटीज, विटामिन की डेफिसिएंसी, बढ़ती हार्...