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संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित भारतीय चिंतन में सूर्य ब्रह्माण्ड की आत्मा हैं। सूर्य सभी राशियों पर संचरण करते प्रतीत होते हैं। वस्तुतः पृथ्वी ही सूर्य की परिक्रमा करती है। आर्य भट्ट ने आर्यभट्टीयम में लिखा है, ‘‘जिस तरह नाव में बैठा व्यक्ति नदी को चलता हुआ अनुभव करता है, उसी प्रकार पृथ्वी से सूर्य गतिशील दिखाई पड़ता है।‘‘ सूर्य धनु राशि के बाद मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य का मकर राशि पर होना उपासना के लिए सुन्दर मुहूर्त माना जाता है। वराहमिहिर ने बृहत संहिता में बताया है, ‘‘मकर राशि के आदि से उत्तरायण प्रारम्भ होता है।‘‘ गीता (8-24) में कहते हैं, ‘‘अग्नि ज्योति के प्रकाश में शुक्ल पक्ष सूर्य के उत्तरायण रहने वाले 6 माहों में शरीर त्याग कर के ब्रह्म को प्राप्त करते हैं।‘‘ उत्तरायण शुभ काल है। इस अवधि में यज्ञ, उपासना, अनुष्ठान और धर्म दर्शन से जुड़े साहित्य का...
मंत्री-विधायक अपने क्षेत्र में प्रेरणा देकर 4 हजार करोड़ रुपये की बचत करवा सकते हैं : मुख्यमंत्री

मंत्री-विधायक अपने क्षेत्र में प्रेरणा देकर 4 हजार करोड़ रुपये की बचत करवा सकते हैं : मुख्यमंत्री

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रीगण, विधायकों और मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि वे ऊर्जा बचत (energy saving) के लिये लोगों को प्रेरित (inspire people) करते हैं, तो प्रदेश में प्रति वर्ष 4 हजार करोड़ रुपये की बिजली के अपव्यय (Wastage of electricity worth Rs 4 thousand crore per year) को रोका जा सकता है। प्रदेश का किसान अन्नदाता बनने के साथ अब ऊर्जा दाता भी बन रहा है। किसानों के लिये कुसुम-'अ','ब','स' योजना आय के साधन बढ़ाएंगे। कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने यह आह्वान गुरुवार शाम को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के निवास पर आयोजित नवकरणीय ऊर्जा योजनाओं के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम में किया। उन्होंने मंत्री डंग की विभागीय योजनाओं के प्रस्तुतिकरण और उनसे संबंधित शंका एवं समाधान के लिये आयोजित ...
यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

यह पल रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेने का है

अवर्गीकृत
- डॉ. वंदना सेन भारत भूमि पर अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए अनेक वीर अग्रणी भूमिका में रहे हैं। लेकिन देश को स्वतंत्र कराने में मातृशक्ति के योगदान को किसी प्रकार से कम नहीं कहा जा सकता। जिन नारियों ने भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई आज पूरा देश उन्हें वीरांगना के नाम से स्वीकार करता है। वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना हैं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवनकाल में ही ऐसा आदर्श स्थापित कर विदा हुईं, जिससे हर कोई प्रेरणा ले सकता है। वर्तमान युग में जहां हर कोई अपने आप तक केन्द्रित होता जा रहा है, उनके लिए वीरांगना लक्ष्मीबाई का जीवन एक ऐसा उदाहरण है, जो राष्ट्रीय भावना को संचारित करने में एक आदर्श है...
देश-समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा देने वाले साहित्य का हो प्रसार: राज्यपाल पटेल

देश-समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा देने वाले साहित्य का हो प्रसार: राज्यपाल पटेल

देश, मध्य प्रदेश
- राज्यपाल ने किया टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव 2022 का उद्घाटन भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि भावी पीढ़ी को देश और समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा (motivation to work for the society) देने वाले साहित्य का प्रसार (dissemination of literature) किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय गौरव, आजादी के संघर्ष, अमर वीर-वीरांगनाओं और पर्यावरण चेतना के प्रति सजग बनाने वाले साहित्य का पुस्तकालयों में संकलन किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही साहित्य, कला और पर्यावरण आदि विभिन्न विषय पर पुस्तकों की उपलब्धता पुस्तकालयों में होनी चाहिए। राज्यपाल पटेल गुरुवार शाम को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (Rabindranath Tagore University) द्वारा आयोजित टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव 2022 ...
विशेष: अहंकार से बचने की प्रेरणा देता है अन्नकूट पर्व

विशेष: अहंकार से बचने की प्रेरणा देता है अन्नकूट पर्व

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा को अर्थात् दीवाली के अगले दिन ‘अन्नकूट पर्व’ मनाया जाता है, जिसे ‘गोवर्धन पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इस वर्ष दीवाली 24 अक्तूबर को मनाई गई जबकि गोवर्धन पूजा 26 अक्तूबर को है। दरअसल इस वर्ष 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण कोई पूजा नहीं हुई, इसीलिए गोवर्धन पूजा दीवाली के दो दिन पश्चात् 26 अक्तूबर को है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन घर में गाय के गोबर से गोवर्धन की मानव रूपी आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है तथा तरह-तरह के व्यंजन बनाकर गोवर्धन को भोग लगाया जाता है। इन व्यंजनों को ‘छप्पन भोग’ की संज्ञा दी जाती है। अन्नकूट पर्व के दिन गौपूजा का विशेष महत्व है। इसी कारण इस दिन बहुत से लोग गाय, बैल तथा अन्य पशुओं की सेवा करते हैं और गायों की आरती भी उतारी जाती है। इस दिन शाम क...