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हमें त्याग और जीने की प्रेरणा देता है भगवान श्रीकृष्ण का सम्पूर्ण जीवन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हमें त्याग और जीने की प्रेरणा देता है भगवान श्रीकृष्ण का सम्पूर्ण जीवन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का सम्पूण जीवन हमें त्याग और जीने की प्रेरणा देता है। उनका जीवन आदर्श से भरा हुआ है। कठिन से कठिन समय में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के जीवन से प्रेरणा लेकर नई ऊर्जा प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार देर शाम भोपाल (Bhopal) के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में श्रीकृष्ण पाथेय कार्यक्रम (Sri Krishna Patheya Program) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े अनेक प्रसंग हैं। उन्होंने मानव अवतार में समाज के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। उनके प्रसंगों से हमें समाज कल्याण की शिक्षा मिलती है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति : 2020 में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े पाठ्यक्रमों को भी सम्मिलित किया गया है। मुख्यमंत्री ...
जीवन में रामत्व

जीवन में रामत्व

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- ऋचा सिंह श्रीराम को सनातन धर्म में विष्णु का अवतार माना गया है। लोग उनको भगवान और आराध्य मान कर पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन जब हम राम के सम्पूर्ण जीवन का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि राम केवल पूजा के विषय नहीं हैं, वह अनुकरणीय हैं हर स्थिति काल में जीवन को दिशा प्रदान करने वाले प्रेरणा पुंज हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राम ने स्वयं को एक राजा और भगवान के अवतार के रूप में नहीं अपितु जननायक के रूप में स्थापित किया। हम उनके संपूर्ण जीवन में देखते हैं कि कैसे उन्होंने कठिन स्थितियों में भी मर्यादा के नूतन आयाम स्थापित किए। राजकुल में जन्म लेने के बाद भी राम ने अपना जीवन राजसी वैभव में नहीं बिताया। उनका बाल्यकाल आश्रम में व्यतीत हुआ, गुरुकुल में वह राजकुमारों की भांति नहीं अपितु सामान्य बालकों की भांति अपने और आश्रम के सारे कार्य करते थे। जब वह युवा हुए और राज्याभिषेक का समय आया तो उन्हें पिता...
जन जातीय जन-मन कल्याण के प्रेरक प्रधानमंत्री मोदी

जन जातीय जन-मन कल्याण के प्रेरक प्रधानमंत्री मोदी

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- डॉ मोहन यादव आज मध्यप्रदेश हर्षित है, उत्साहित है। देश के लोकप्रिय और यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झाबुआ में आयोजित जन जातीय सम्मेलन को संबोधित करने पधार रहे हैं। आज का दिन विशिष्ट है। आज पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है, जो समर्पण दिवस के रूप में मनाई जा रही है। उनका एकात्म मानववाद का दर्शन ही हमारे लिए पाथेय है। समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर समाज और सरकार को कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाले पं. दीनदयाल जी उपाध्याय का पूरा जीवन समर्पण का प्रतीक था। यह ऐतिहासिक संयोग है कि आज के ही दिन संथाल परगने में क्रांतिकारी जनजातीय नायक वीर तिलका मांझी का जन्म हुआ था। जनजातीय समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री मोदी का स्नेह, समर्पण और सम्मान हम सब जानते हैं। उन्होंने हमारे आग्रह को स्वीकार किया और झाबुआ आने पर सहमति दी। झाबुआ साधारण क्षेत्र नहीं है।...
कुटुंब प्रबोधन का प्रेरक श्रीराम परिवार

कुटुंब प्रबोधन का प्रेरक श्रीराम परिवार

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- शिवेश प्रताप रामचरितमानस एक ओर राम का जीवन चरित्र व मनुष्य जाति के अनुभवों का उत्कट निचोड़ है तो दूसरी ओर यह 'नाना पुराण निगमागम सम्मतं यद्' होकर सनातन धर्म के सभी मानक ग्रंथों के अर्क स्वरूप भी है, जिसे मानस के अंत में 'छहों शास्त्र सब ग्रन्थन को रस' कह कर दोबारा पुष्ट कर दिया गया है। मनुष्य से पुरुषोत्तम बनकर यानी मृत्यु से अमरत्व की ओर बढ़ने की यात्रा के पथ प्रदर्शक श्रीराम हैं। अपने भीतर छुपी संभावना और सुख-शांति की अभीप्सा को पूरा कर सकने की आकांक्षा के बीच, रामचरितमानस में राम इस मार्ग का संकेत हैं कि मनुष्य के स्वरूप को चरितार्थ करने और उससे ऊपर उठने और अपने भीतर निहित संभावनाओं को साकार करने का कोई लघुमार्ग (शॉर्टकट) नहीं हैं। पारिवारिक, सामाजिक और लौकिक जीवन के कर्तव्य परायणता में राम ने अपने आचरण और व्यवहार से जो मानक स्थापित किए, उन मानकों में यह संभावना हमेशा निहित रही ...
मप्रः मतदान की प्रेरणा देने वाले साहित्य और गीत का हुआ विमोचन

मप्रः मतदान की प्रेरणा देने वाले साहित्य और गीत का हुआ विमोचन

देश, मध्य प्रदेश
- केप बुक और स्वीप कैलेंडर का विमोचन एवं भारतीय डाक के स्पेशल कवर एनवेलप का हुआ अनावरण भोपाल (Bhopal)। मतदाताओं (voters) को निर्वाचन प्रक्रिया (Election process) में मतदान के लिए प्रोत्साहित करने और युवाओं को निर्वाचन प्रक्रिया से जोड़ने के उद्देश्य से सोमवार शाम को भोपाल के रविंद्र भवन में मतदाता महोत्सव (Voter festival celebrated) मनाया गया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar), निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडे (Election Commissioner Anup Chandra Pandey), निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल, मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश व्यास, उप निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार साहू, उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू, महानिदेशक डॉ. नीता वर्मा और निदेशक स्वीप संतोष अजमेरा ने महोत्सव में मतदान की...
भारतीय ज्ञान परंपरा और विश्व कल्याण की प्रेरणा

भारतीय ज्ञान परंपरा और विश्व कल्याण की प्रेरणा

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- हृदयनारायण दीक्षित हिन्दू सारी दुनिया में ज्ञान और दर्शन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। ज्ञान यहाँ पवित्र विषय रहा है। ज्ञान से सभी रहस्यों का अनावरण होता है। ज्ञान से धर्म सधता है। ज्ञान से अर्थ, काम और मोक्ष मिलते हैं। हिन्दू ज्ञान अभीप्सु राष्ट्रीयता हैं। जड़ों से उखड़े वृक्षों पर फूल नहीं खिलते। पक्षी ऐसे वृक्षों पर गीत नहीं गाते। यूजीसी ने नई शिक्षा नीति के अनुसरण में भारत की ज्ञान परंपरा को छात्रों अध्यापकों के लिए मार्गदर्शी बताया है। भारत को मूल से जोड़ने का कार्यक्रम बनाया है। ज्ञान का लक्ष्य सूचना पाना ही नहीं होता। ज्ञान, विज्ञान और दर्शन में विश्व कल्याण की प्रतिभूति है। भारत में ऋग्वेद के रचना काल के पूर्व से ही लोकमंगल हितैषी ज्ञान परंपरा है। स्थूल और अति सूक्ष्म पदार्थों के अणुओं का अध्ययन प्राचीन काल से ही जारी है। व्यक्त जगत के साथ अव्यक्त का ज्ञान भी पूर्वजों का प्रिय विषय रहा...
‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों को स्वस्थ भारत की प्रेरणा

‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों को स्वस्थ भारत की प्रेरणा

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- डॉ. विनोद के. पॉल स्वास्थ्य और विकास आपस में जुड़े हुए हैं- केवल स्वस्थ नागरिक ही किसी राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस आदर्श के लिए प्रतिबद्ध है और भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए अथक प्रयास किया है। प्रधानमंत्री हमारे लोगों के स्वास्थ्य में लगातार सुधार पर अत्यधिक जोर देते हैं और उन्होंने भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्राथमिकता से संचालित कार्यवाही सुनिश्चित की है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए गहरे संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और देश भर में सैचुरेशन लेवल का कवरेज प्राप्त करने के लिए अनुकूल रणनीतियों को भी लागू किया है। सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। आज, केवल बीमारों का इलाज करने के बजाय ह...
युवा पीढ़ी संस्कृति, वेशभूषा और परिश्रम की परम्परा को न भूलें, राष्ट्रभक्तों से प्रेरणा ग्रहण करें : शिवराज

युवा पीढ़ी संस्कृति, वेशभूषा और परिश्रम की परम्परा को न भूलें, राष्ट्रभक्तों से प्रेरणा ग्रहण करें : शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज के हित में की महत्वपूर्ण घोषणाएं भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि अमर शहीद हेमू कालानी (Amar Shaheed Hemu Kalani) ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अपने जीवन का बलिदान किया। उन्होंने गले में फांसी का फंदा पहनते हुए कहा था कि मैं फिर से जन्म लूंगा और भारत को स्वतंत्र करवाऊंगा। आज यदि हम शहीदों को नहीं पूजेंगे, तो राष्ट्र के लिए जीवन का बलिदान करने के लिए कोई आगे नहीं आएगा। नई पीढ़ी (new generation) के लिए शहीदों का जीवन प्रेरक है। वीर सेनानियों के साथ ही सिंध संतों की भूमि रही है। सिंधु नदी के किनारे वेदों की ऋचाएँ रची गईं। सिंध की संस्कृति काफी प्राचीन है। इस समाज ने अनेक समाज-सुधारक, सफल उद्यमी और अन्य प्रतिभाएं देने का कार्य किया है। अपने धर्म, संस्कृति और सभ्यता के लिए मातृ-भूमि को छोड़ने के बाद भी प...
उत्कृष्ट जीवन की प्रेरणा हैं श्रीराम

उत्कृष्ट जीवन की प्रेरणा हैं श्रीराम

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- डॉ. वंदना सेन प्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा के पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा श्रीराम ने अपने जीवन से अनुशासन और विनम्रता का जो चरित्र प्रस्तुत किया, वह आज भी समाज के लिए एक दिशाबोध है। वनवासी राम का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का अनुकरणीय पाथेय है। श्रीराम ने वनगमन के समय प्रत्येक कदम पर समाज के अंतिम व्यक्ति को गले लगाया। केवट के बारे में हम सभी ने सुना ही है, कि कैसे भगवान राम ने उनको गले लगाकर समाज को यह संदेश दिया कि प्रत्येक मनुष्य के अंदर एक ही जीव आत्मा है। बाहर भले ही अलग दिखते हों, लेकिन अंदर से सब एक हैं। यहां जाति का कोई भेद नहीं था। वर्तमान में जिस केवट समाज को वंचित समुदाय...