Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: INS Vikrant

समुद्र में भारत का डंका

अवर्गीकृत
- डा. वेदप्रताप वैदिक भारत की नौसेना ने आईएनएस विक्रांत नामक विमानवाहक पोत को समुद्र में उतारकर सारी दुनिया में भारत की शक्ति का डंका बजा दिया है। भारत के पास पहले भी एक विमानवाहक पोत था लेकिन वह ब्रिटेन से लिया हुआ था लेकिन यह विमानवाहक पोत खुद भारत का अपना बनाया हुआ है। इस समय ऐसे पोतों का निर्माण गिनती के आधा दर्जन देश ही कर पाते हैं। उन्हें सारी दुनिया महाशक्ति राष्ट्र ही कहती है। भारत के इस विक्रांत ने उसे अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी की तरह महाशक्ति राष्ट्रों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। यह उपलब्धि उतनी ही बड़ी है, जितनी अटलबिहारी वाजपेयी के जमाने में हुई परमाणु विस्फोट की थी लेकिन इसमें और उसमें इतना फर्क है कि पोखरन के उस विस्फोट के समय लगभग सभी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बुरी तरह से बौखला गए थे और पाकिस्तान भी भारत की नकल पर उतारू हो गया था लेकिन अब न तो कोई महा...

आईएनएस विक्रांत: कई गुना बढ़ गई समंदर में भारत की ताकत

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल इतिहास के पन्नों पर 2 सितम्बर की तारीख भारतीय नौसेना के लिए स्वर्णाक्षरों में अंकित हो जाएगी क्योंकि 2 सितम्बर 2022 को नौसेना को स्वदेश में निर्मित देश का अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के इस पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को नौसेना को सौंप दिया गया है। इस मौके पर उन्होंने नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण किया, जो छत्रपति वीर शिवाजी को समर्पित है, जिनकी समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे। नए ध्वज के बारे में प्रधानमंत्री का कहना है कि नौसेना के झंडे पर अभी तक गुलामी की तस्वीर थी, जिसे अब हटा दिया गया है और नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा। इसमें पहले नौसेना के ध्वज में लाल क्रॉस का निशान होता था, जिसे हटाते हुए ध्वज में अब बायीं ओर तिरंगा तथा दायीं ओर अशोक चक्र का चिह्न अंकित किया गया है और इस...

आत्मनिर्भर भारतः स्वदेशी से स्वावलंबन का संकल्प

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (दो सितम्बर) देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र को समर्पित कर ऐहिसाहिक पल में बदल दिया है। नए नौसेना ध्वज का अनावरण किया है। यह आत्मनिर्भर भारत की प्रगति का स्वर्णिम सोपान है। यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान शानदार तरीके से सफलताओं का आसमान चूम रहा है । इसकी बड़ी वजह यह है कि इसमें स्वदेशी से स्वावलंबन का संकल्प समाहित है। इस अभियान के अंतर्गत हुए अनेक कार्य विश्वस्तर पर प्रतिष्ठित हुए हैं। दुनिया भारत के सामर्थ्य को देख रही है। कोरोना वैक्सीन के अलावा रक्षा उत्पाद में भी भारत की विशिष्ट पहचान बनी है। आठ वर्ष पहले तक इस प्रकार की उपलब्धियों की कल्पना करना भी सम्भव नहीं था। पहले की सरकारें वैक्सीन या रक्षा सामग्री के क्षेत्र में आयात पर निर्भर रहती थी। तब आयात करने को ही बड़ी ...