खेत-खलिहान के प्रयोगधर्मियों के नवाचारों को संरक्षण आज की जरूरत
बदलते सिनेरियो में सरकार को अब विश्वविद्यालयों की बड़ी-बड़ी और संसाधनयुक्त प्रयोगशालाओं से अलग खेत को ही प्रयोगशाला बनाकर अपनी मेहनत, नवाचारी, परंपरागत और आधुनिकतम खेती के बीच सामंजस्य बनाते हुए नित नए प्रयोग करने वाले प्रयोगधर्मी किसानों की मेहनत को मान्यता, संरक्षण और पहचान देने की पहल भी करनी होगी। इसमें कोई दोराय नहीं की देश के कृषि विश्वविद्यालयों में शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कार्य हो रहा है और आज खेती किसानी के क्षेत्र में देश नित-नए आयाम स्थापित कर रहा है।
कृषि के क्षेत्र में भारत आज अग्रणी देश बन गया है। हालात यह हो गए है कि आज गेहूं और धान के निर्यात पर रोक के बावजूद देश के किसानों की ही मेहनत का फल है कि बागवानी व अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर देश निर्यात के नए कीर्तिमान स्थापित करने की और अग्रसर है। पर यहां हमें यह नहीं भूलना होगा कि रासायनिक उर्वरकों और...