कानून और रसूखदारों का रवैया
- आशीष वशिष्ठ
इसमें दो राय नहीं कि प्रभावशाली लोग कानून को खिलौना समझ लेते हैं। व्यवस्था भी उनके इस काम में खूब मददगार साबित होती है। बरसों बरस से देश में ऐसा ही चलता आ रहा है। सख्त से सख्त कानून बनाने और तमाम दूसरे उपायों के बाद भी रसूखदार कानून का आए दिन मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते। कानून को बौना साबित करने वाली इस जमात को राजनीतिक संरक्षण हासिल होता है। ऐसे में धनबल और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग व्यवस्था की कमियों और छिद्रों के चलते नियम कानूनों को आसानी से गच्चा देते हैं।
आम आदमी की मामूली-सी गलती पर उसे पकड़ने में भरपूर तेजी दिखाने वाली पुलिस को प्रभावशाली और रसूखदार लोगों तक पहुंचने में वक्त लग ही जाता है। पश्चिम बंगाल में इसकी अवधि कुछ ज्यादा ही लंबी हो जाती है। संदेशखाली मामले से चौतरफा निंदा का पात्र बना तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख 55 दिनों से फरार रहने के बाद पुलिस की ...