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वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.50 फीसदी जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.50 फीसदी जीडीपी 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने एक अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर (inflation rate) यानी मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.50 फीसदी पर बरकरार (Remained at 4.50 percent) रखा। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.40 फीसदी के अनुमान से कम है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यहां चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुए यह बात कही। दास ने कहा कि मानसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर 4.50 फीसदी रहने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 4.90 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.80 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.60 फीस...
जीडीपी ग्रोथ में तेजी, महंगाई दर में कमी आई, विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर पर

जीडीपी ग्रोथ में तेजी, महंगाई दर में कमी आई, विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर पर

अवर्गीकृत, देश
- दुर्लभ संसाधनों के आवंटनकर्ता से बाजार अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने वाला बना आरबीआई : दास नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर (Reserve Bank of India (RBI) Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सोमवार को कहा कि आरबीआई दुर्लभ संसाधनों के आवंटनकर्ता (RBI allocator of scarce resources) से बाजार अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने वाला बन गया है। देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ में तेजी देखने को मिल रही है, जबकि महंगाई दर में कमी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अबतक के उच्चतम स्तर पर है। शक्तिकांत दास ने आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां अयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर ...
अक्टूबर में महंगाई दर सात फीसदी से कम रहने की उम्मीद : शक्तिकांत दास

अक्टूबर में महंगाई दर सात फीसदी से कम रहने की उम्मीद : शक्तिकांत दास

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ((Reserve Bank of India (RBI)) ) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने उम्मीद जताई है कि अक्टूबर (october) महीने में महंगाई की दर सात फीसदी से नीचे (Inflation below 7%) रह सकती है। उन्होंने कहा कि आरबीआई और सरकार दोनों महंगाई की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत के समग्र वृहद-आर्थिक बुनियादी पहलू में लचीलापन बरकरार है। जहां तक दो से 6 फीसदी के बीच महंगाई को रखने के लक्ष्य का सवाल है, भले ही इसे बदलने की चर्चा चल रही हो, लेकिन ऐसा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अक्टूबर महीने में महंगाई दर के आंकड़े सात फीसदी से कम होंगे। पिछले छह-सात महीनों में आरबीआई और सरकार दोनों ने ही महंगाई को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। ...
आरबीआई के रेपो दर बढ़ाने से अगले साल छह फीसदी से नीचे होगी महंगाई दर

आरबीआई के रेपो दर बढ़ाने से अगले साल छह फीसदी से नीचे होगी महंगाई दर

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई पर काबू (Controlling rising inflation) पाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआईै) (Reserve Bank of India (RBI)) के नीतिगत ब्याज दर (policy interest rate) में बार-बार बढ़ोतरी का असर अगले साल दिखेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल (Ashima Goyal) ने यह बात कही। आशिमा गोयल ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक के बार-बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई के प्रयासों से मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर के अगले साल छह फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 फीसदी रही है। रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था, जो बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है। इसके बावजूद लगातार नौवें महीने...

अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों से सहमा भारतीय आईटी सेक्टर

देश, बिज़नेस
भारतीय आईटी कंपनियों में इंफोसिस को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान नई दिल्ली। कमजोर ग्लोबल सेंटीमेंट्स के कारण दुनिया भर के तमाम शेयर बाजारों की तरह घरेलू शेयर बाजार ने भी बुधवार को जोरदार गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। हालांकि दूसरे शेयर बाजारों के विपरीत घरेलू शेयर बाजार ने तेजड़ियों के सपोर्ट से दिन के कारोबार के अंत तक शानदार रिकवरी कर ली लेकिन इस रिकवरी का असर आईटी सेक्टर के शेयरों को नहीं मिल सका। पूरी दुनिया के बाजारों की तर्ज पर ही घरेलू बाजार में भी आईटी सेक्टर के शेयरों को जोरदार गिरावट का सामना करना पड़ा। आज के कारोबार में सबसे अधिक नुकसान आईटी सेक्टर के शेयरों को ही उठाना पड़ा। अमेरिका में महंगाई से जुड़े आंकड़ों के आने के बाद शेयर बाजार में मची हाहाकार का असर आज भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों पर भी साफ साफ नजर आया। आज के कारोबार में भारतीय आईटी कंपनियों में इंफोसिस को सबसे ज्या...