सार्थक रही राष्ट्रपति की सर्बिया यात्रा
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सर्बिया यात्रा सार्थक रही। इससे दोनों देशों के सम्बन्ध सुदृढ़ हुए। आपसी साझेदारी का विकास हुआ। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू ने भारत के विकास और विश्व शांति के लिए उसके प्रयासों का प्रमुखता से उल्लेख किया। उनके इन विचारों की विश्व स्तर पर चर्चा हुई। इस प्रकार राष्ट्रपति की यात्रा द्विपक्षीय सम्बन्ध के साथ ही भारत के व्यापक हितों का संवर्धन करने वाली साबित हुई। सर्बिया की यात्रा करने वाली वह देश की पहली राष्ट्रपति हैं। सर्बिया उस यूगोस्लाविया का ही हिस्सा हुआ करता था, जिसके भारत के मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध थे। भारत और यूगोस्लाविया गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक हैं। 1990 में यूगोस्लाविया का विघटन हुआ। उससे कई देश बने। इसमें क्रोएशिया, सर्बिया, मोंटेनेग्रो, मैसेडोनिया, बोस्निया हर्ज़ेगोविना शामिल हैं। भारत के सर्बिया से अच्छे सम्बन्ध रहे हैं।
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