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आध्यात्मिकता ही है भारतीय विचार प्रक्रिया का मूल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

आध्यात्मिकता ही है भारतीय विचार प्रक्रिया का मूल: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि आध्यात्मिकता (Spirituality) ही भारतीय विचार प्रक्रिया का मूल तत्व (basic element of Indian thought process) है। हम मूलत: आध्यात्मिक हैं। सम्पूर्ण प्रकृति में परमेश्वर व्याप्त है। उसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महसूस किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार शाम को उज्जैन में माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्त के द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा ज्ञान-विज्ञान अत्यंत प्राचीन है। कुंभ का मेला नक्षत्र के अनुसार होता है। प्रत्येक बारह वर्ष में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है। डॉ. यादव ने कहा कि आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत के विकास की यात्रा है। उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टेण्डर्ड टाईम की गणना होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्...
संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

संसार को गति, प्रेरणा और प्रकाश देते हैं सूर्य

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित भारतीय चिंतन में सूर्य ब्रह्माण्ड की आत्मा हैं। सूर्य सभी राशियों पर संचरण करते प्रतीत होते हैं। वस्तुतः पृथ्वी ही सूर्य की परिक्रमा करती है। आर्य भट्ट ने आर्यभट्टीयम में लिखा है, ‘‘जिस तरह नाव में बैठा व्यक्ति नदी को चलता हुआ अनुभव करता है, उसी प्रकार पृथ्वी से सूर्य गतिशील दिखाई पड़ता है।‘‘ सूर्य धनु राशि के बाद मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रान्ति कहा जाता है। सूर्य का मकर राशि पर होना उपासना के लिए सुन्दर मुहूर्त माना जाता है। वराहमिहिर ने बृहत संहिता में बताया है, ‘‘मकर राशि के आदि से उत्तरायण प्रारम्भ होता है।‘‘ गीता (8-24) में कहते हैं, ‘‘अग्नि ज्योति के प्रकाश में शुक्ल पक्ष सूर्य के उत्तरायण रहने वाले 6 माहों में शरीर त्याग कर के ब्रह्म को प्राप्त करते हैं।‘‘ उत्तरायण शुभ काल है। इस अवधि में यज्ञ, उपासना, अनुष्ठान और धर्म दर्शन से जुड़े साहित्य का...
भारतीय चिंतन में समूचा संसार परिवार

भारतीय चिंतन में समूचा संसार परिवार

अवर्गीकृत
- ह्रदय नारायण दीक्षित विश्व मानवता तनावग्रस्त है। रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव विश्वव्यापी है। तनाव का उपचार भारतीय चिंतन में है। संस्कृति में है। समूचे विश्व को आनंदित करने और श्रेष्ठ मनुष्य -आर्य बनाना वेदों का उद्देश्य है। भारतीय ज्ञान परंपरा में वेदों का सुप्रतिष्ठित आदर रहा है। कृतज्ञ मानवता ने वेदों को भगवान की वाणी कहा है। वेद के निंदक यहां नास्तिक कहे जाते हैं और वेदों को मानने वाले आस्तिक। वर्तमान हिन्दू धर्म वैदिक धर्म का विस्तार है। वेदों में सांसारिक जीवन को माधुर्य बनाने के सूत्र हैं। विभिन्न आधिभौतिक प्रश्नों के समाधान भी हैं। तत्व मीमांसा व ज्ञान मीमांसा भी है। वैदिक संहिता के बाद में ब्राह्मण ग्रंथों की रचना हुई। ब्राह्मण ग्रंथ वैदिक सूक्तों के आध्यात्मिक रहस्यों की व्याख्या है। इसी के साथ आरण्यक ग्रन्थ भी हैं। शब्द ब्राह्मण का अर्थ ब्राह्मण वर्ण या जाति से नहीं है। दुर्भा...