भारतीय मेधा की उड़ान चंद्रयान अभियान
- हृदयनारायण दीक्षित
परिवार समाज की छोटी इकाई है। परिवार के सभी सदस्य आत्मीय होते हैं। हिन्दू चिंतन में पूरा विश्व एक परिवार है। इस धारणा में परिवार से बड़ी इकाई समाज है। भारतीय दर्शन उदात्त है। इसके बावजूद परिवार से बड़ी इकाई जाति है। जातिभेद भी हैं। वैसे जातियां श्रम विभाजन का परिणाम हैं लेकिन जन्मना होने के कारण वे मजबूत हैं। जातियां सम्मान अपमान का आधार भी बनीं। वे राष्ट्रीय एकता में बाधक है। अनेक समाज सुधारकों ने जातियों की निन्दा की, जाति तोड़क अभियान चलाए। राजनीति के एक धड़े में जातियों को अतिरिक्त महत्व मिला। जाति आधारित राजनीति भी चलती है। जाति अप्राकृतिक वर्ग है। इसे विदा करना और जातिविहीन समरस समाज का निर्माण राष्ट्रीय कर्तव्य है।
जाति का उद्भव समाजशास्त्रियों की चुनौती रहा है। डॉ. बीआर आम्बेडकर ने कोलम्बिया विश्वविद्याल में 9 मई, 1916 को नृविज्ञान विषयक एक गोष्ठी में जाति की उत्प...