Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Indian origin

ऑस्ट्रेलिया ने त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए अंडर-19 महिला टीम घोषित की, भारतीय मूल की तीन खिलाड़ी शामिल

ऑस्ट्रेलिया ने त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए अंडर-19 महिला टीम घोषित की, भारतीय मूल की तीन खिलाड़ी शामिल

खेल
मेलबर्न। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने आगामी महिला अंडर-19 त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए टीम का ऐलान कर दिया है, जो 19 सितंबर से ब्रिसबेन में शुरू होगी। समारा डुल्विन और हसरत गिल के साथ रिब्या स्यान को भी टीम में शामिल किया गया है। युवा चयन पैनल ने ब्रिसबेन और गोल्ड कोस्ट में होने वाली ट्राई सीरीज के लिए प्रत्येक प्रारूप (टी20 और 50 ओवर) के लिए 15 खिलाड़ियों की टीम चुनी है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी क्रिस्टन बीम्स को टीम का मुख्य कोच बनाया गया है। इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज में भाग लेने वाली अन्य दो टीमें न्यूजीलैंड और श्रीलंका हैं। इस 14 दिवसीय ट्राई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया चार टी20 और दो वन-डे मैच खेलेगा। इस टीम में भारतीय मूल की तीन होनहार प्रतिभाएं रिब्या स्यान, समारा डुलविन और हसरत गिल शामिल हैं। उनका शामिल होना ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बढ़ती विविधता और भारतीय मूल के खिलाड़ियों के महत्वपूर्ण ...
भारतीय मूल की ‘अंडरकवर एजेंट’ के नाम पर रखा गया लंदन में ‘काउंसिल हाउसिंग ब्लॉक’ का नाम

भारतीय मूल की ‘अंडरकवर एजेंट’ के नाम पर रखा गया लंदन में ‘काउंसिल हाउसिंग ब्लॉक’ का नाम

विदेश
लंदन (London)। भारतीय मूल की ब्रिटिश जासूस (British spy of Indian origin) और टीपू सुल्तान की वंशज (Descendant of Tipu Sultan) नूर इनायत खान (Noor Inayat Khan) के नाम पर लंदन में एक ‘काउंसिल हाउसिंग ब्लॉक’ (‘Council Housing Block’) का नाम रखा गया है। इसके लिए मतदान कराया गया था। कैमडेन काउंसिल ने बुधवार को एक समारोह में ‘‘नूर इनायत खान हाउस’’ का अनावरण किया। इस मौके पर लेबर पार्टी के स्थानीय सांसद एवं विपक्षी नेता कीर स्टार्मर, खान की जीवनी की लेखिका श्रबानी बसु और कैमडेन काउंसिल के नेता और स्थानीय निवासी मौजूद थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव (एसओई) के लिए ‘अंडरकवर एजेंट’ के रूप में भारतीय मूल की जासूस नूर इनायत खान के योगदान का सम्मान करने के लिए ‘काउंसिल हाउसिंग ब्लॉक’ का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। कैमडेन वह नगर था जहां युवा नूर 1943 में ...

भारतीय मूल के नील मोहन बने यूट्यूब के नए सीईओ

बिज़नेस, विदेश
वाशिंगटन। भारतीय मेधा ने एक बार फिर अपनी मेधा का परचम लहराते हुए विश्व के सबसे बड़े प्लेटफार्म यू ट्यूब को नया सीईओ दिया है। यूट्यूब ने भारतीय मूल के नील मोहन को नया सीईओ बनाने की घोषणा की है। नील मोहन यूट्यूब में प्रमोट कर यह पद दिया गया है। इससे पहले नील मोहन यूट्यूब के सीपीओ थे। नील मोहन साल 2008 से गूगल के साथ काम कर रहे हैं। वर्ष 2013 में गुगल ने उनको ट्विटर नहीं जाने देने के लिए 544 करोड़ रुपए का बोनस भी दिया था। नील मोहन ट्विटर जाने का पता चलने पर गूगल उन्हें रोकने के लिए बोनस का ऐलान कर तीन साल के लिए कंपनी में रोक लिया था। गूगल द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद नील मोहन काफी चर्चित हो गए थे। सीईओ नील मोहन अपनी पत्नी हेमा सरीम के साथ सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं। बता दें कि नील मोहन ने अपने करियर की शुरुआत ग्लोरफाइड टेक्निकल सपोर्ट से की थी। उस वक्त उनकी सालाना इनकम 60,000 डॉलर थी। ग्...
प्रधानमंत्री पर जुर्माना

प्रधानमंत्री पर जुर्माना

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भारत और दुनिया के कई प्रधानमंत्रियों को हमने जेल जाते हुए देखा है लेकिन कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हो, उस पर उसकी पुलिस जुर्माना ठोक दे, क्या आपने ऐसा किस्सा कभी सुना है? ब्रिटेन में यही हुआ है। आजकल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक हैं। उन्हें लंदन की पुलिस ने जुर्माना देने के लिए मजबूर कर दिया। सुनक का अपराध बस यही था कि अपनी कार में यात्रा करते हुए उन्होंने पट्टा (बेल्ट) नहीं बांध रखा था। पट्टा तो वे बांधे हुए थे, क्योंकि कार में बैठे लोगों को पट्टा बांधना अनिवार्य है लेकिन हुआ यह कि कोई टीवी चैनलवाला पत्रकार उनसे भेंटवार्ता करने कार में आ बैठा। उन्होंने अपनी बेल्ट हटा दी, क्योंकि टीवी के पर्दे पर वह अच्छा नहीं दिखता। पुलिस या किसी ने उन्हें नहीं देखा। फिर भी लोगों को कैसे पता चला कि उन्होंने कान...
अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतीय मूल के लगभग दो करोड़ लोग इस समय विदेशों में फैले हुए हैं। लगभग दर्जन भर देश ऐसे हैं, जिनके राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री वगैरह भारतीय मूल के हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तो इसके नवीनतम उदाहरण हैं। भारतीय लोग जिस देश में भी जाकर बसे हैं, वे उस देश के हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थानों तक पहुंच गए हैं। इस समय दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति और महासंपन्न देश अमेरिका है। अमेरिका में इस समय 50 लाख लोग भारतीय मूल के हैं। दुनिया के किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में जाकर भारतीय लोग नहीं बसे हैं। इसके कारण भारत से प्रतिभा-पलायन जरूर हुआ है लेकिन अमेरिका के ये भारतीय मूल के नागरिक सबसे अधिक संपन्न, सुशिक्षित और सुखी लोग हैं, ऐसा कई सर्वेक्षणों ने सिद्ध किया है। यदि अमेरिका में 200 साल पहले से भारतीय बसने शुरु हो जाते तो शायद अमेरिका भी मॉरिशस, स...