Monday, November 25"खबर जो असर करे"

Tag: Indian New Year

भारतीय नववर्ष और उत्सव का उमंग

भारतीय नववर्ष और उत्सव का उमंग

अवर्गीकृत
- डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय नववर्ष के साथ अनेक त्यौहार आते हैं। इनमें चैत्र शुक्लादि, नवरेह, गुड़ी पड़वा, उगादि, साजिबु नोंगमा पांबा अथवा साजिबु चेराओबा एवं चेटीचंड आदि सम्मिलित हैं। चैत्र शुक्लादि विक्रम संवत के नववर्ष के प्रारम्भ का प्रतीक है। इसे वैदिक अथवा हिन्दू कैलेंडर के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन से नवरात्रि का प्रारम्भ होता है। भारतीय नववर्ष के साथ वसंत ऋतु का भी आगमन होता है। इसलिए ये सब त्यौहार वसंत के उत्सव हैं। जम्मू-कश्मीर में नवरेह का त्यौहार हर्ष एवं उल्लास से मनाया जाता है। नव चंद्रवर्ष के रूप में मनाया जाने वाला यह त्यौहार उत्साह एवं रंगों का उत्सव है। यह कश्मीरी पंडितों का विशेष त्यौहार माना जाता है। त्यौहार से एक दिन पूर्व वे पवित्र विचर नाग के झरने की यात्रा करते हैं। इसके पश्चात वे पवित्र जल में स्नान करके अपनी समस्त मलिनताओं का त्याग करते हैं। इसके पश्चात् वे...
देश की समृद्धि तथा प्रगति का सूचक है नवसंवत

देश की समृद्धि तथा प्रगति का सूचक है नवसंवत

अवर्गीकृत
- डॉ. आशीष वशिष्ठ भारतीय नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि, शुक्ल पक्षे समग्रेतु तु सदा सूर्योदये सति। ब्रह्म पुराण में वर्णित इस श्लोक के अनुसार चैत्र मास के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इस तिथि को रेवती नक्षत्र में, विष्कुम्भ योग में दिन के समय भगवान् के आदि अवतार मत्स्यरूप का प्रादुर्भाव भी माना जाता है। इसलिए यही वो दिन है जब से भारत वर्ष की कालगणना की जाती है। हेमाद्रि के ब्रह्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन की थी। प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (पड़वा) को मनाया जाना वाला नव संवत्सर पर्व यूं तो हिंदू कैलेंडर के मुताबिक नववर्ष कहलाता है, लेकिन ये दिवस विशेष भारतीय संस्कृति का परिचायक भी है। यही वजह है कि ये दिवस महज एक नया साल का प्रारंभिक...