Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Indian Diplomacy

कतर से भारतीय नौसैनिकों रिहाई, भारतीय कूटनीति रंग लाई

कतर से भारतीय नौसैनिकों रिहाई, भारतीय कूटनीति रंग लाई

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा कतर की जेल में बंद भारतीय नौसैनिकों की 18 महीने बाद जेल से रिहाई की सोमवार को जैसे ही खबर आई तो सारा देश ही झूम उठा। कुछ समय पहले इन अधिकारियों की मौत की सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। तब देश को कम से कम यह संतोष तो था कि चलो हमारे नागरिकों की जान तो बच गई, पर देश यह भी प्रार्थना कर रहा था कि कतर की जेल में बंद भारतीय नागरिक रिहा होकर सकुशल देश वापस आ जाएं। बेशक, इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विदेश नीति की बड़ी सफलता ही माना जाएगा कि कतर से फांसी की सजा घोषित हुए नागरिकों की रिहाई हो गई। वे सभी सकुशल और ससम्मान जनक तरीके से भारत की धरती पर वापस लौट आए। इस तरह से भारत की कुशल विदेश नीति को सारे संसार ने देखा और दांतों तले उंगलियाँ दबाकर आश्चर्य से देखते ही रह गये । अमूमन अरब देशों के शेख सामान्य तौर पर जासूसी के आरोप में सजा प्राप्त लो...
जी-20 की सफलता और भारतीय कूटनीति

जी-20 की सफलता और भारतीय कूटनीति

अवर्गीकृत
- मृत्युंजय दीक्षित राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन जिस सफलता के साथ संपन्न हुआ है उसकी चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। वैश्विक मीडिया जगत इसको भारत की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार व उनके नेतृत्व की जमकर सराहना कर रहा है। नई दिल्ली जी-20 सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन संकट के कारण नहीं आ सके, अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्होंने रूस के विदेश मंत्री को नामित किया। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं आये किंतु उन्होंने अपने प्रधानमंत्री को सम्मेलन में भाग लेने के लिए भेजा। सम्मेलन प्रारम्भ होने के पूर्व रूस और चीन के राष्ट्रपति के न आने के कारण का एक बड़ा वर्ग निराशा व्यक्त कर रहा था और कह रहा था कि कहीं इस सम्मेलन में भी कुछ विषयों को लेकर आम सहमति न बन पाये किंतु प्रधानमंत्री मोदी के कुशल आशावादी नेतृत्व ने सभी निराशावादियों के...