Tuesday, November 26"खबर जो असर करे"

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सतही राजनीति और जनाकांक्षाओं की कसौटी

सतही राजनीति और जनाकांक्षाओं की कसौटी

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र भारत की जनता में सहते रहने की अदम्य शक्ति है और वह सबको अवसर देती है कि वे अपने वादों और दायित्वों के प्रति सजग रहें परंतु जनप्रतिनिधि होने पर भी ज्यादातर राजनेता जन-प्रतिनिधित्व के असली काम को संजीदगी से नहीं लेते हैं । चुनावी सफलता पाने के बाद वे यथाशीघ्र और यथासंभव सत्ता भोगने के नुस्खे आजमाने लगते हैं । ऐसे में जन-सेवा का वह संकल्प और जज्बा एक ओर धरा रह जाता है जो धूमिल रूप में ही सही उनके मन कभी तैर रहा होता था । दरअसल वे एक व्यापारी की तरह सोचने और काम करने लगते हैं। बिगड़ैल काल देवता से भयभीत वे राजनीति के व्यवसाय से (अपने लिए) समयबद्ध ढंग से अधिकाधिक धन-धान्य या समृद्धि उगाहने में दत्तचित्त जुट जाते हैं । पर आगे क्या हो सकता है इसका दर्दनाक उदाहरण पश्चिम बंगाल में जेलबंद शिक्षा मंत्री और उनके सहयोगियों से मिलता है। जिस तरह शिक्षक नियुक्ति के मामले में करोड़ों रुप...
भारत के बुनियादी ढांचे पर साइबर हमले का खतरा!

भारत के बुनियादी ढांचे पर साइबर हमले का खतरा!

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- डॉ. अनिल कुमार निगम साइबर सुरक्षा आज वैश्विक मुद्दा है। जितनी तीव्र गति से भारत समेत विभिन्न देशों में डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है, उतनी ही गति से साइबर हमलों का खतरा मंडरा रहा है। भारत के बुनियादी ढांचे पर साइबर हमले का खतरा बना हुआ है। अमेरिका, भारत और ब्राजील साइबर हमलावरों के सीधे निशाने पर हैं। स्वास्थ्य और वित्त क्षेत्र के साथ-साथ विमानन उद्योग, तेल, गैस और ऊर्जा सेक्टर और तकनीकी कंपनियों जैसे मूलभूत ढांचे के महत्वपूर्ण अंगों को साइबर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि भारत अपनी साइबर सुरक्षा पर काफी ध्यान दे रहा है, परंतु नवंबर 2022 में जिस तरीके से भारत के सबसे शीर्ष चिकित्सा संस्थान- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली को निशाना बनाया गया, वह अत्यंत चिंताजनक है। सवाल यह है कि अगर साइबर हमलावर भारत के मूलभूत ढांचे मसलन ऊर्जा आपूर्ति, रेलवे सिगनलिंग, पीएनजी गैस आपूर्...
सात समंदर पार से अपनों के लिए उमड़ता प्यार

सात समंदर पार से अपनों के लिए उमड़ता प्यार

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- आर.के. सिन्हा अब लगभग हर रोज मीडिया में भारत से बाहर बसे भारतीयों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर खबरें होती हैं। विश्व बैंक का अध्यक्ष बनने से लेकर किसी देश का राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री, सांसद वगैरह बन रहे हैं भारतीय। बात यहां तक ही सीमित नहीं है। संसार के कोने-कोने में रहने वाले भारतीयों ने अपने देश के खजाने को अपने पैसे से लबालब भर दिया है। रिजर्व बैंक के फरवरी, 2023 तक के आंकड़े बता रहे हैं कि रिजर्व बैंक का एनआरआई डिपाजिट 136 अरब रुपये हो चुका है। एनआरआई का मतलब है नॉन रेजीडेंट इंडियन (अप्रवासी भारतीय) है। साफ है लगभग तीन करोड़ भारतवंशी तथा एनआरआई अपने वतन को खुशहाल करने का ठोस काम कर रहे हैं। इसलिए यह समझना गलत होगा कि वे सात समंदर जाते ही भारत को भूल जाते हैं। ऐसा नहीं है। वे कहीं भी चले जाएं, पर रहते भारतीय ही हैं। उनकी पहचान भारतीय के रूप में होती है। वे भी गर्व करते हैं कि उन्ह...
भारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है मिसाल

भारत में डिजिटल क्रांति अन्य देशों के लिए बन रही है मिसाल

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- प्रहलाद सबनानी भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता मिलना एक वरदान की तरह साबित होता दिखाई दे रहा है। भारत ने हाल ही के वर्षों में कई क्षेत्रों में जो अतुलनीय प्रगति की है, इसे देखकर जी-20 समूह के सदस्य देश आश्चर्यचकित हो रहे हैं। भारत चूंकि जी-20 समूह के सदस्य देशों की विभिन्न बैठकें देश के लगभग समस्त राज्यों के अलग अलग नगरों में आयोजित कर रहा है, इससे देश के समस्त राज्य न केवल इन बैठकों के लिए विशेष तैयारियां कर रहे हैं बल्कि विभिन्न देशों से आने वाले प्रतिनिधि भी इन शहरों में भारत की आर्थिक प्रगति की झलक देख पा रहे हैं। जी-20 समूह का महत्व इस जानकारी से बहुत स्पष्ट तौर पर झलकता है कि पूरे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में जी-20 समूह के सदस्य देशों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत की है। विश्व के 193 देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद 95 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इसमें, जी-20 समूह के सदस्य देशों ...
भारत ने चार यूरोपीय देशों के समूह के साथ टीईपीए पर चर्चा की

भारत ने चार यूरोपीय देशों के समूह के साथ टीईपीए पर चर्चा की

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) (European Free Trade Association (EFTA)) के सदस्यों ने व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) (Trade and Economic Partnership Agreement (TEPA)) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। ईएफटीए के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता होने से द्विपक्षीय वाणिज्य, निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि ब्रसेल्स के दौरे पर गए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए के चारों सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को बैठक करके टीईपीए से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। बातचीत के बाद जारी एक बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने व्यापक व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) करने की दिशा में प्रयास जारी रखने से संबंधित ...
AFC एशियन कप 2023: भारत, ऑस्ट्रेलिया, उज़्बेकिस्तान और सीरिया के साथ ग्रुप बी में

AFC एशियन कप 2023: भारत, ऑस्ट्रेलिया, उज़्बेकिस्तान और सीरिया के साथ ग्रुप बी में

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय पुरुष फ़ुटबॉल टीम (Indian men's football team) को एएफ़सी एशियन कप 2023 (AFC Asian Cup 2023) के लिए ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया, उज़्बेकिस्तान और सीरिया के साथ रखा गया है। गुरुवार, 11 मई, 2023 को दोहा में टूर्नामेंट का ड्रॉ निकाला गया। भारत (India) के लिए यह एक कठिन ड्रा है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और उज्बेकिस्तान अच्छे फॉर्म में हैं और बहुत अधिक रैंक पर हैं, जबकि भारतीय टीम अभी तक सीरिया को हरा नहीं पाई है। प्रत्येक समूह से शीर्ष दो और तीसरे स्थान पर रहने वाली चार सर्वश्रेष्ठ टीमों के बीच राउंड-ऑफ़-16 के मुकाबले खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में 24 टीमों को निम्नलिखित छह समूहों में विभाजित किया गया है: ग्रुप ए: कतर, चीन, ताजिकिस्तान, लेबनान ग्रुप बी: ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान, सीरिया, भारत ग्रुप सी: ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, फिलिस्तीन ग्रुप डी: जापान, इंडोन...
गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व को राह दिखाता भारत

गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व को राह दिखाता भारत

अवर्गीकृत
- प्रहलाद सबनानी भारत में विशेष रूप से कोरोना महामारी के बीच एवं इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा गरीब वर्ग के लाभार्थ चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। विशेष रूप से प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के अंतर्गत देश के 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त अनाज की जो सुविधा प्रदान की गई है एवं इसे कोरोना महामारी के बाद भी जारी रखा गया है, इसके परिणामस्वरूप देश में गरीब वर्ग को बहुत लाभ हुआ है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में गरीबी के अनुमान पर एक वर्किंग पेपर जारी किया है। जिसमें अलग-अलग मान्यताओं के आधार पर भारत में गरीबी को लेकर अनुमान व्यक्त किए गए हैं। इस वर्किंग पेपर के अनुसार, हाल ही में भारत में 1.2 करोड़ नागरिक अति गरीबी रेखा के ऊपर आ गए हैं। वर्ष 2022 में विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक अन्य प्रतिवेदन के अनुसार, वर्ष 2011 में भारत में 22.5 प...
भारत और कनाडा निवेश बढ़ाने, छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमत

भारत और कनाडा निवेश बढ़ाने, छात्रों की आवाजाही को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमत

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) और कनाडा (Canada) समन्वित निवेश बढ़ाने (increase coordinated investment), सूचना आदान-प्रदान, कुशल कामगारों, पेशेवरों तथा छात्रों की आवाजाही (Movement of Professionals and Students) को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमति जताई है। दोनों देश यह मानते है कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत (strengthen bilateral economic ties) बनाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। व्यापार और निवेश पर भारत-कनाडा के बीच छठी मंत्रिस्तरीय वार्ता बुधवार को कनाडा में हुई। वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्यम तथा आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी ने बैठक में व्यापक व्यापार समझौते के महत्व पर जोर दिया। बयान के मुताबिक गोयल और एनजी के बीच क...
भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चंहुमुखी प्रगति

भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चंहुमुखी प्रगति

अवर्गीकृत
- प्रहलाद सबनानी प्राचीन भारत का इतिहास गवाही दे रहा है कि लगभग 500 वर्ष पूर्व भी भारत का सकल घरेलू उत्पाद में वैश्विक स्तर पर लगभग 25 प्रतिशत का योगदान था एवं विदेशी व्यापार में भी भारत विश्व में प्रथम स्थान पर था। परंतु अरब आक्रांताओं एवं ब्रिटेन के शासन काल में भारत की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई एवं राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त करते समय तक यह रसातल तक पहुंच चुकी थी। वर्ष 1947 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पुनः सम्भलना शुरू किया एवं वर्ष 2014 के बाद से तो भारत ने आर्थिक विकास के मामले में तेज रफ्तार पकड़ ली है। भारत में प्राचीन काल में अधिकतर व्यापार समुद्रीय मार्ग के माध्यम से होता रहा है। 1000 वर्ष पूर्व भी भारत का समुद्री मार्ग विकसित अवस्था में था एवं यह दक्षिणी अफ्रीका तथा यूरोप के देशों के साथ जुड़ा हुआ था। साथ ही, लगभग 500 वर्ष पूर्व भारत में जी.टी. रोड का निर्माण हो चुक...