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Tag: India Jodo Yatra

मध्य प्रदेश में दो-दो यात्राओं का कैसा होगा संदेश!

मध्य प्रदेश में दो-दो यात्राओं का कैसा होगा संदेश!

अवर्गीकृत
- ऋतुपर्ण दवे इन दिनों देश में गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव के साथ दिल्ली महानगर पालिका चुनावों की पूरे देश में भले ही चर्चा हो रही हो लेकिन एक राज्य ऐसा भी है जहां विधानसभा चुनाव को पूरे वर्ष भर बाकी हैं लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां कुछ ऐसी हैं कि पूछिये मत। चुनावी समर में भाजपा और कांग्रेस जोर आजमाइश में एक-दूसरे से पीछे नहीं है। राष्ट्रपति का दौरा, प्रधानमंत्री का महीने भर के अंतराल में दो बार दौरा, केन्द्रीय गृहमंत्री का दौरा और अब सरकार की गौरव यात्रा तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने के मायने बेहद खास हैं। कहने की जरूरत नहीं कि बात मध्य प्रदेश की हो रही है। अगले वर्ष यानी 2023 में ठीक इन्हीं दिनों देश का दिल कहें या भारत का हृदय प्रदेश, मध्य प्रदेश चुनावी कोलाहल की उफान में डूबा हुआ होगा। 2018 के चुनाव में थोड़े से अंतराल से पिछड़ने के बाद बहुमत से पिछड़ी भाजपा को द...
भारत जोड़ो यात्रा में जमकर थिरके दिग्विजय सिंह, खुद को बताया 75 साल का युवा

भारत जोड़ो यात्रा में जमकर थिरके दिग्विजय सिंह, खुद को बताया 75 साल का युवा

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में निकाली जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Congress's bhaarat jodo yaatra) में शुक्रवार को अलग ही नजर देखने को मिला। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Senior leader Digvijay Singh) ढोल की थाप में जमकर थिरके। उनके साथ यात्रा में शामिल अन्य नेताओं ने भी जमकर ठुमके लगाए। इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दिग्विजय सिंह ने भी इस वीडियो को ट्वीट पर पोस्ट किया है, साथ ही उन्होंने स्वयं को 75 साल का युवक बताया है। दरअसल, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों कर्नाटक में है। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस यात्रा के प्रभारी भी हैं और शुरू से ही उसमें शामिल हैं। शुक्रवार को यात्रा का दौरान उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ ढोल-मांदल की थाप पर जमकर डा...

भारत जोड़ो यात्रा के बीच बिखराव की ओर कांग्रेस

अवर्गीकृत
- सुरेश हिन्दुस्थानी राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर छिड़ी आपसी लड़ाई के बीच राज्य में कांग्रेस के भविष्य के सामने एक बड़ा प्रश्नचिह्न उपस्थित हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने नेतृत्व पर राजनीतिक दबाव बनाने का जो खेल खेला है, उसका राजनीतिक दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाए तो यही प्रमाणित करता है कि यह अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा है। इससे यह भी संदेश जा रहा है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने को लेकर जिस प्रकार से गहलोत समर्थक विधायकों ने अपने त्यागपत्र दिए हैं, उससे प्रथम दृष्टया यही लगता है कि ये विधायक कांग्रेस के कम गहलोत के ज्यादा हैं। विधायकों का यह नाटक निश्चित ही गहलोत के संकेत पर ही चल रहा होगा। इसके अलावा केन्द्र की ओर से भेजे गए दो पर्यवेक्षक भी राजस्थान में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट को दूर करने में असमर्थ ही रहे। हालांकि पार्टी अनुशासन को ध्य...