शहीद झूरी सिंह ने फूंका था अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल
- प्रभुनाथ शुक्ल
स्वाधीनता आंदोलन का इतिहास रणबांकुरों से भरा पड़ा है। देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए लाखों लोगों ने प्राणों की आहुति दी है। ऐसे शहीदों की संख्या अनगिनत है। ऐसे में काशी-प्रयाग के मध्य गंगा की माटी में पले-बढ़े शहीद झूरी को याद करना जरूरी है। तत्कालीन जनपद मिर्जापुर के भदोही में शहीद झूरी सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका गया था। झूरी सिंह का जन्म भदोही जनपद के परऊपुर गांव में 21 अक्टूबर 1816 में हुआ था। उनके पिता का नाम सुदयाल सिंह था।
अंग्रेजों के खिलाफ 28 फरवरी को अभोली में सभासिंह के बाग में मीटिंग आयोजित कि गयी थी जिसका मकसद था, अंग्रेजों को नील की खेती से रोकना। बाद में खुद की सेना को संगठित कर अंग्रेजों के खजाने को लूट कर देश को गुलामी से मुक्त कराना था। अंग्रेजों के खिलाफ इस रणनीति में उदवंत सिंह, रामबक्श सिंह, भोला सि...