‘अविश्वसनीय’ नीतीश कुमार का विश्वास मत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। यह पूर्व निर्धारित था। नीतीश कुमार ने समीकरण और संख्याबल का इंतजाम करने के बाद ही पाला बदला था। सत्ता की राजनीति में वह घाटे का सौदा नहीं करते हैं। इसके लिए उन्हें अपनी छवि की चिंता भी नहीं रहती। मुख्यमंत्री की कुर्सी न मिले तो छवि बना कर भी क्या करेंगे। वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह राजनीतिक जीवन का साध्य है। यहां तक पहुंचने और फिर बने रहने में साधन का कोई महत्व नहीं। छवि का क्या है, वह परिवर्तनशील है। कभी सुशासन बाबू तो कभी पलटू राम हैं, क्या फर्क पड़ता है। स्थाई तत्व तो मुख्यमंत्री की कुर्सी है।
नीतीश कुमार कुर्सी को साथ रख कर पाला बदलने में माहिर हैं। इसी पोजीशन में वह राजनीतिक रूप में दो विपरीत ध्रुवों की यात्रा बड़ी सहजता से कर लेते हैं। बिहार की राजनीति में भाज...