आयकर सर्वेक्षण के संबंध में अधिकार
- नारायण जैन
भारत में कर प्रणाली हमेशा ही आम लोगों के लिए एक जटिल और अबूझ पहेली बनी रहती है। यही वजह है कि जीविकोपार्जन करने वाले लोगों से जुड़ी आयकर प्रणाली के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं होती। देश के आयकरदाता के एक बड़े वर्ग को आयकर की याद आमतौर पर जुलाई के महीने में आती है, जब टैक्स रिटर्न फाइल करने का आखिर समय आता है। नौकरीशुदा लोगों को अपने ऑफिस में अप्रैल के महीने में इनवेस्टमेंट प्रोजेक्शन जमा करते वक्त और फरवरी में एक्चुअल इनवेस्टमेंट डिटेल जमा करते वक्त भी इसकी याद आती है। लेकिन आयकर जमा करने वाले लोगों के एक बड़े वर्ग के लिए आयकर से जुड़ी प्रक्रिया एक जटिल पहेली के समान होती है।
इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी प्रक्रिया को समझने की है। लोग जितना ज्यादा इस प्रक्रिया को समझेंगे, उतना ही उसमें कम गलतियां होने की संभावना बनेगी। ध्यान दें तो ज्यादातर लोगों को ये ही पता नहीं होता है कि आ...