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आयकर की फेसलेस कर मूल्यांकन सुविधा से शिकायत निवारण में आई तेजी: सीतारमण

आयकर की फेसलेस कर मूल्यांकन सुविधा से शिकायत निवारण में आई तेजी: सीतारमण

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग (Income Tax Department) की फेसलेस कर मूल्यांकन सुविधा (Faceless tax assessment facility) के परिणामस्वरूप करदाताओं की शिकायतों का तेजी से निवारण हो रहा है। यह व्यापार करने में आसानी की दिशा में एक बड़ा कदम है। सीतारमण ने बेंगलुरु में आज केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आवासीय क्वार्टर भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली इसलिए लाई गई, ताकि किसी अधिकारी के विवेक का प्रभाव करदाताओं पर न पड़े। इससे करदाताओं को बड़ी राहत मिली है और शिकायतों का निवारण तेजी से हुआ है। यह व्यापार करने में आसानी और करदाताओं की सुविधा के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने ब...
BCCI ने 2021-22 में चुकाया 1159 करोड़ रुपये का आयकर, पिछले वर्ष से 37% अधिक

BCCI ने 2021-22 में चुकाया 1159 करोड़ रुपये का आयकर, पिछले वर्ष से 37% अधिक

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। देश के सबसे धनी खेल संघ और क्रिकेट की सबसे अमीर संस्था (cricket's richest organization), भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) (Board of Control for Cricket in India - BCCI) ने वित्त वर्ष 2021-22 में 1,159 करोड़ रुपये का आयकर (Income tax of Rs 1,159 crore) चुकाया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले पांच वर्षों में दायर रिटर्न के आधार पर बीसीसीआई द्वारा भुगतान किए गए आयकर और उसकी आय और व्यय का विवरण दिया। आयकर में यह वृद्धि 2019-20 में गिरावट के बाद हो रही थी, जिसके बाद इसकी आय में भी कमी आई क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान क्रिकेट कई महीनों के लिए निलंबित था और जब अंततः आयोजित किया गया, तो बायो-बबल के कारण खर्च बढ़ गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में, बीसीसीआई ने आयकर ...
मैनकाइंड फार्मा कंपनी के दिल्ली परिसरों पर आयकर का छापा

मैनकाइंड फार्मा कंपनी के दिल्ली परिसरों पर आयकर का छापा

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। देश की बड़ी फार्मा कंपनी मैनकाइंड फार्मा के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ा है। कंपनी के दिल्ली स्थित परिसरों पर कर चोरी के आरोपों को लेकर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि आयकर अधिकारी मैनकाइंड फार्मा के दिल्ली और आस-पास के कार्यालय परिसरों में तलाशी ले रहे हैं। विभाग ने कंपनी पर कर चोरी के आरोपों को लेकर छापेमारी की कार्रवाई की है। इस छापेमारी के दौरान दस्तावेजों की जांच और लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। मैनकाइंड फार्मा का शेयर मंगलवार को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुआ, जो इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयर 20 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था। इसका आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) भी इसी साल आया था, जो 15 गुना से ज्यादा बढ़कर बंद हुआ। मैनकाइंड फार्मा कंपनी विभिन्न फार्मास्युटिकल्स उत्पादों का निर्माण करती है।...
कर्नाटक के सहकारी बैंकों पर आयकर छापा, एक हजार करोड़ रुपये के फर्जी खर्च का खुलासा

कर्नाटक के सहकारी बैंकों पर आयकर छापा, एक हजार करोड़ रुपये के फर्जी खर्च का खुलासा

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। आयकर विभाग ने कर्नाटक के कुछ सहकारी बैंकों पर छापा मारकर एक हजार करोड़ रुपये के ‘फर्जी’ खर्च और कथित वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाया है। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि आयकर विभाग ने कर्नाटक के कुछ सहकारी बैंकों के 16 परिसरों में 31 मार्च को तलाशी की कार्रवाई की थी। विभाग को इस कार्रवाई में एक हजार करोड़ रुपये के फर्जी खर्च और कथित वित्तीय अनियमितताओं का पता चला है। आयकर विभाग ने तलाशी अभियान के दौरान 3.3 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और दो करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए हैं। मंत्रालय के मुताबिक आयकर विभाग को जब्त सबूतों से पता चला है कि ये सहकारी बैंक कई व्यापारिक संस्थाओं के विभिन्न काल्पनिक संस्थाओं के नाम पर चेक को जारी कर भुनाने में शामिल थे। इतना ही नहीं ये संस्थाएं आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों को भी ...
आयकर की जगह जायकर क्यों नहीं ?

आयकर की जगह जायकर क्यों नहीं ?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक हमारे देश में आयकर यानी इनकम टैक्स फार्म भरनेवालों की संख्या सात करोड़ के आस-पास है लेकिन उनमें से मुश्किल से तीन करोड़ लोग टैक्स भरते हैं। क्या भारत-जैसे 140 करोड़ के देश में ढाई-तीन करोड़ लोग ही इस लायक हैं कि सरकार उनसे टैक्स वसूल सकती है? क्या ये ढाई-तीन करोड़ लोग भी अपना टैक्स पूरी ईमानदारी से चुकाते हैं? नहीं, बिल्कुल नहीं! ईमानदारी से पूरा टैक्स चुकानेवाले लोगों को ढूंढ निकालना लगभग असंभव है यानी जो टैक्स भरते हैं, वे भी टैक्स-चोरी करते हैं। जो नहीं भरते हैं और जो भरते हैं, वे सब टैक्स-चोर बना दिए जाते हैं। हमारी टैक्स व्यवस्था ऐसी है कि जो हर नागरिक को चोर बनने पर मजबूर कर देती है। मोटी आमदनीवाला मालदार हर आदमी ऐसे चार्टर्ड अकाउंट की शरण लेता है, जो उसे टैक्स चोरी के नए-नए गुर सिखाता है। इस सच्चाई को यदि हमारी सरकारें स्वीकार कर लें तो भारत में टैक्स-व्यवस्था मे...