मताधिकार में सकारात्मक सोच जरूरी
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
तेलंगाना में मतदान की घड़ी है...। सुबह विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो जाएगी। पांच साल में एक बार मिलने वाले अवसर को नकारात्मक सोच या गैरजिम्मेदारी से खो देना किसी भी हालात में उचित नहीं माना जा सकता। लोकतंत्र के महायज्ञ में प्रत्येक मतदाता को अपने मताधिकार का उपयोग कर मतदान करके अपनी आहुति देने का अवसर मिलता है। ऐसे में मतदान का बहिष्कार या फिर लापरवाही के कारण मतदान नहीं करने को किसी अक्षम्य अपराध से कम नहीं कहा जा सकता है। वर्तमान परिदृश्य में नोटा प्रयोग भी मंथन का विषय होना चाहिए। नोटा के प्रावधान को लेकर पक्ष विपक्ष में अनेक तर्क दिए जा सकते हैं पर समय आ गया है कि उस पर बड़ी बहस हो और उसको अधिक प्रभावी या कारगर बनाने के प्रावधान किए जाएं। सर्वोच्च न्यायालय की मतदान को लेकर की गई टिप्पणी भी इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाती है कि यदि हम मताधिकार का प्...