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देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का अहम योगदान: राजनाथ सिंह

देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का अहम योगदान: राजनाथ सिंह

देश, मध्य प्रदेश
- रक्षा मंत्री ने नीमच से की भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारम्भ भोपाल (Bhopal)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा है कि राजनीतिक क्षेत्र में संवेदनशीलता राज्य के विकास का आधार बनती है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने संवेदनशील मुख्यमंत्री (Chief Minister) के रूप में जनता का सेवक बनकर कार्य किया है। उनकी जनसेवा के कारण मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आ चुका है और विकास की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001-02 में मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 71 हजार 594 करोड़ था, जो आज 2023 में 13 लाख 22 हजार करोड़ से अधिक हो चुका है। इसी तरह बीस सालों में मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 11 हजार 718 से बढ़कर एक लाख 40 हजार अर्थात् दस गुना बढ़ चुकी है। भारत की गरीबी को कम करने में मध्यप्रदेश का महत्वपू...
मप्र की उपलब्धियों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का महत्वपूर्ण योगदान: शिवराज

मप्र की उपलब्धियों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का महत्वपूर्ण योगदान: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
-श्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कृत हुए बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि आम जनता के लिए सतत कार्य करने वाले ऊर्जा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी (Energy Department officials and employees) महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करते हैं। हम सभी को इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) ने जो उपलब्धियाँ अर्जित की हैं, उनमें ऊर्जा विभाग का विशेष योगदान है। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार शाम को भोपाल कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में ऊर्जा संरक्षण, निर्बाध विद्युत प्रदाय एवं उपभोक्ता संतुष्टि पर कार्यशाला और सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मानित अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई भी दी। विकास के दिल की धड़कन है बिजली उन्होंने कहा कि विकास के दिल की धड़कन बिजली है। दिल धड़कना बंद हुआ तो...

असम में संघ कार्य के विस्तार में है विनायक राव कानेतकर का महत्वपूर्ण योगदान

अवर्गीकृत
- प्रशांत बुजरबरुवा डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। इसके लगभग 21 साल बाद संघ कार्य के विस्तार के लिए 1946 में असम में तीन प्रचारक भेजे गए, जिनमें दादा राव परमार्थ, श्रीपद सहस्र भोजनी और कृष्ण परांजपे शामिल हैं। संघ के प्रचारक का अर्थ है कठिन जीवन। शिक्षा-दीक्षा पूरी करके घर के रोजमर्रा के कार्यों से दूर रहकर संघ कार्य के विस्तार में दिन-रात एक कर देना। संघ का मुख्य कार्य शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण है। प्रचारकों का कार्य शाखा विस्तार के साथ ही संघ के वैचारिक अधिष्ठान को बढ़ाना। भारतीय परंपरा में 'राज्य' शब्द का अर्थ पश्चिम के स्टेट या नेशन से काफी अलग है। राष्ट्र की कल्पना, राज्य पर आधारित नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक रूप पर आधारित है। कई वर्षों की सोच के बाद भारत वर्ष में एक जीवन दर्शन का विकास हुआ है और उसके आधार पर एक जीवन पद्धति...