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भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का महत्व

भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का महत्व

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- योगेश कुमार गोयल जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में प्रतिवर्ष भाद्रपक्ष कृष्णाष्टमी को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। मान्यता है कि मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी ने कृष्ण को इसी दिन जन्म दिया था। भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी पर्व का इतना महत्व क्यों है, यह जानने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और उनकी अलौकिक लीलाओं को समझना अनिवार्य है। बाल्याकाल से लेकर बड़े होने तक श्रीकृष्ण की अनेक लीलाएं विख्यात हैं। उन्होंने अपने बड़े भाई बलराम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी का आह्वान किया था, जिसके बाद हनुमान जी ने बलराम की वाटिका में जाकर बलराम से युद्ध किया और उनका घमंड चूर-चूर कर दिया था। श्रीकृष्ण ने नररकासुर नामक असुर के बंदीगृह से 16100 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था, जिन्हें समाज द्वारा बहिष्कृत कर दिए जाने पर उन महिलाओं न...
योगीतत्व, वृक्ष का महत्व, जीवन रक्षा कवच

योगीतत्व, वृक्ष का महत्व, जीवन रक्षा कवच

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के मामले में पिछली सभी सरकारों को बहुत पीछे छोड़ है। अनेक रिकार्ड कायम कर चुके हैं। अब वह अपने ही रिकार्डों को पिछे छोड़ रहे हैं। इसमें पौधरोपण अभियान भी शामिल है। इस बार 35 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। यह नया रिकार्ड होगा। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक साथ पांच करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। छह वर्षों में सवा सौ करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। एक से सात जुलाई तक आयोजित जागरुकता सप्ताह चलाया गया। 'पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ' का संदेश गूंजेगा। हाइटेक नर्सरी तैयार होगी। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग होगी। 'मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना' लागू होगी। 'खेत पर मेड़-मेड़ पर पेड़' के संदेश को चरितार्थ होगा। विगत वर्षों में बनाए गए 'खाद्य वन, बाल वन, नगर वन, अमृत वन, युवा वन और शक्ति वन' जैसे नियोजित पौधरोपण का अभि...
राष्ट्रपति की सूरीनाम यात्रा का महत्व

राष्ट्रपति की सूरीनाम यात्रा का महत्व

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सूरीनाम यात्रा का संदेश अनेक देशों तक विस्तृत रहा। इनमें वह देश शामिल हैं, जहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग विगत छह पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी सभ्यता संस्कृति को कायम रखा है। मॉरीशस की तरह सूरीनाम में भी प्रवासी दिवस मनाया जाता है। मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुइस के अस्थाई निवास को अप्रवासी घाट कहा जाता है। प्रत्येक दो नवम्बर को अप्रवासी दिवस मनाया जाता है। सूरीनाम का प्रवासी दिवस पांच जून को मनाया जाता है। द्रौपदी मुर्मू इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं। उनको सूरीनाम के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। इस वर्ष जनवरी में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी भारत यात्रा आए थे। उन्होंने भारत को कैरेबियाई देशों में हिन्दी सिखाने वाले संस्थान खोलने का सुझाव दिया था। उन्होंने कैरेबियाई क्षेत्र में फिल्म, योग, आयु...
रोड सेफ्टी एक्शन प्लान के मायने

रोड सेफ्टी एक्शन प्लान के मायने

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर लगता है अब सरकार गंभीर हो गई है। इसके लिए केंद्र सरकार ने इसी 13 जनवरी को नए रोड सेफ्टी एक्शन प्लान को लागू कर दिया है। इसके तहत देश के मौजूदा हाइवे, मरम्मताधीन हाइवे और नए बनने वाले हाइवे को एक्सीडेंट फ्री बनाने के लिए जवाबदेही को तय किया गया है। इसका मतलब यह है कि इससे जुड़े सभी अधिकारी, कंपनियों और ठेकेदारों की भी जिम्मेदारी तय की गई है कि वे रोड बनाते समय आवश्यक मानकों का ध्यान रखने के साथ ही इस तरह से निर्माण तकनीक अपनाएं ताकि डिजाइन से लेकर निर्माण तक रोड एक्सीडेंट फ्री हो सके। दरअसल देश में सड़क हादसे साल-दर-साल बढ़ते ही जा रहे हैं। खास बात यह कि अब दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या की तुलना में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यानी की मरने वालों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। हालांकि दुर्घटना रहित यात्र...
जी-20 के ध्येय वाक्य का महत्व

जी-20 के ध्येय वाक्य का महत्व

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री किसी वैश्विक संगठन ने पहली बार भारतीय सूक्ति को अपना ध्येय वाक्य बनाया है। वस्तुतः यह भारतीय चिंतन के बढ़ते प्रभाव और लोकधर्म की प्रतिध्वनि है। इसे विश्व सहजता से स्वीकार कर रहा है। लोगों को धीरे-धीरे यह समझ में आ रहा है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन के माध्यम से किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि परिवार भाव से ही सबका भला होगा। भारत ने विश्व को एक परिवार माना है। जी-20 का ध्येय वाक्य भी 'वसुधैव कुटुम्बकम्' है। विश्व के लिए परिवार की बहुत आवश्यकता है। कई देशों में वहां के राजनीतिक दलों को अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखना पड़ रहा है कि हम पारिवारिक मूल्यों को लागू करेंगे। आज परिवार में एकता की बात होती है, लेकिन यह बात विरोधाभासी है। परिवार का मतलब ही एकता है, लेकिन आज परिस्थिति ऐसी हो गई है कि परिवार म...
समझना होगा ऊर्जा का महत्व

समझना होगा ऊर्जा का महत्व

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- रमेश सर्राफ धमोरा हमारे जीवन में प्रतिदिन के विभिन कार्यों के संचालन के लिए ऊर्जा अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ-साथ प्रतिवर्ष ऊर्जा की मांग भी बढ़ती जा रही है। हम प्रतिदिन विभिन रूपों में ऊर्जा का उपयोग करते है। अतः भविष्य में ऊर्जा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसका संरक्षण आवश्यक है। ऊर्जा संरक्षण से तात्पर्य विभिन उपायों के माध्यम से ऊर्जा का संरक्षण करना है। ऊर्जा संरक्षण के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के माध्यम से ऊर्जा का उपयोग इस प्रकार किया जाता है, जिससे वर्तमान की आवश्यता की पूर्ति के साथ भविष्य की जरूरतें भी पूरी हो सकें। ऊर्जा संरक्षण से तात्पर्य ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग है। इसका अर्थ है ऊर्जा का अनावश्यक उपयोग न करना एवं कम से कम ऊर्जा का उपयोग करते हुए कार्य को करना। बिजली आज पूरी दुनिया की सबसे अहम जरूरत बन गई है। बिजली के बिना कोई भी...

मोदी सरकार में राजपथ का कर्तव्य पथ हो जाना

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी कभी किंग्स-वे तो कभी राजपथ रही सड़क देखते ही देखते आम जन और उनके लोक प्रतिनिधियों के लिए कर्तव्य का पथ बन गई है। सही भी है लोक के जगत में आम का ही महत्व है, खास का नहीं। राजा कोई नहीं, सभी लोक के प्रतिनिधि, कर्तव्य पथ पर चलनेवाले दायित्ववान जन प्रतिनिधि हैं। वस्तुत: सत्ता तो आनी-जानी है, किंतु सत्ता में रहते हुए जब आप एक लम्बी लकीर खींच देते हैं तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी वह एक उदाहरण बनती है। फिर जो सत्ता में आते हैं, उनकी भी मजबूरी हो जाती है कि या तो वे खींची गई लकीर के आसपास चलें या फिर उससे भी बड़ी लकीर खींचे। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णय कुछ ऐसे ही हैं, जिन्होंने एक ओर जहां कोरोना महामारी जैसी भयंकर परिस्थिति में भी विश्व के समक्ष भारत का डंका बजवाया तो दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, आर्थिक हितों,...

समझना होगा साक्षरता का महत्व

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- योगेश कुमार गोयल साक्षरता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 08 सितंबर को विश्वभर में ‘अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया जाता है। दुनिया से अशिक्षा को समाप्त करने के संकल्प के साथ आज 56वां ‘अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया जा रहा है। पहली बार यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा 17 नवम्बर 1965 को 8 सितंबर को ही अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद प्रथम बार 8 सितंबर 1966 से शिक्षा के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने तथा विश्वभर के लोगों का इस ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष इसी दिन यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया। वास्तव में यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का ही प्रमुख घटक है। निरक्षरता को खत्म करने के लिए ईरान के तेहरान में शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान ...