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सिर्फ फौरी अंशदान से समृद्ध नहीं होगा किसान

सिर्फ फौरी अंशदान से समृद्ध नहीं होगा किसान

अवर्गीकृत
- अरुण कुमार दीक्षित कृषि कर्म अब लाभकारी नहीं रहा। किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। लागत अधिक है और मुनाफा कम है। बीज महंगे हैं। कृषि यंत्र महंगे हैं। कारें सस्ती हैं। कृषि कार्य में उपयोग में लाये जाने वाले ट्रैक्टर महंगे हैं। कारों को बैंक तत्काल ऋण देते हैं। किसानों को ऋण देने में त्रस्त होने की सीमा तक चक्कर लगवाते हैं। सरकारी तंत्र द्वारा छूट के लिए दफ्तर पहुंचे किसानों को आदर नहीं दिया जाता। उन्हें कई बार परेशान किया जाता है। कागजी औपचारिकता के लिए सरकारी तंत्र की आदतें भी बैंकों जैसी हैं। बड़ी समस्या यह भी है कि फसलों के उत्पादन के बाद उपज बेचने के लिए बाजार उपलब्ध नहीं है। बिचौलियों का सहारा लेकर ही किसान अनाज बेच पाते हैं। कई बार बिचौलिए ही किसानों की भूमिका में देखे जाते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि किसानों के पास अपनी उ...
ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावना नहीं: शक्तिकांत दास

ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावना नहीं: शक्तिकांत दास

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (Reserve Bank of India Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने साफ किया है कि भारत (India) में अभी ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना (no possibility interest rates cut) नहीं है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक महंगाई और कीमत को नियंत्रित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अभी तत्काल ब्याज दरों में कटौती करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत आर्थिक विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है और तमाम इंडिकेटर्स आगे भी आर्थिक विकास के जारी रहने के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर भारत की प्रगति काफी अच्छी रही है और भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना पूरी मजबूती के साथ किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पिछले 4 साल काफी चुनौतियां वाले रह...