Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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‘सूचना’ जैसी निर्दयी मां कब तक रहेंगी समाज में…!

‘सूचना’ जैसी निर्दयी मां कब तक रहेंगी समाज में…!

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- ऋतुपर्ण दवे कोई मां भला कैसे निर्दयी हो सकती है? क्रूर हो सकती है? कैसे अपने जिगर के टुकड़े को बैग में पैक कर सड़क रास्ते लंबे सफर पर बेखौफ निकल सकती है? इसके जवाब मनोचिकित्सकों के पास अपने-अपने ढंग के और अलग भी हो सकते हैं। लेकिन गोवा में एक आम नहीं बल्कि बेहद खास वो मां जिसने देश-दुनिया को अपनी सफलता से आकर्षित किया और निर्दयता और क्रूरता की सारी हदें पार कर जाए तो हैरानी होती है। गोवा में जघन्य हत्याकांड ने जहां हर किसी को झकझोरा, वहीं कई सवाल भी खड़े कर दिए। बेहद पढ़ी-लिखी मां जिसे दुनिया आदर्श समझती थी, वही अपराधी निकले? सवाल यकीनन कचोटने वाला है। लेकिन जवाब आसान भी नहीं है। पति-पत्नी के रिश्तों में तल्खी आना असामान्य नहीं है। लेकिन ऐसा भी क्या नफरत जो इसकी बलि वेदी पर खुद का मासूम चढ़ा दिया जाए? निश्चित रूप से बेकाबू गुस्सा, सोचने, समझने की शक्ति पर नियंत्रण खोना इंसान को कित...
आखिर कब तक गैस चैंबर बनता रहेगा दिल्ली-एनसीआर?

आखिर कब तक गैस चैंबर बनता रहेगा दिल्ली-एनसीआर?

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- योगेश कुमार गोयल दिल्ली-एनसीआर की हवा में दीवाली से कुछ दिन पहले ही इस कदर जहर घुल चुका है और हवा इतनी दमघोंटू हो चुकी है कि लोगों को न केवल सांस लेना मुश्किल हो गया है बल्कि अन्य खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इस साल अक्तूबर में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद सबसे खराब स्तर पर था लेकिन नवम्बर की शुरूआत से ही प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं और दिल्ली में एक प्रकार से सांसों का आपातकाल सा दिखाई दे रहा है, जहां चारों स्मॉग की घनी चादर छाई है। यह चादर कितनी खतरनाक है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सूर्य की तेज किरणें भी इस चादर को नहीं भेद पा रही हैं। करीब एक सप्ताह से देश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक में तेजी से गिरावट आई है। इस तरह की वायु गुणवत्ता को सेहत के लिए कई प्रकार से बेहद खतरनाक माना...
समय ही बताएगा कि कब तक ऊंची बनी रहेंगी ब्याज दरें: शक्तिकांत दास

समय ही बताएगा कि कब तक ऊंची बनी रहेंगी ब्याज दरें: शक्तिकांत दास

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेंगी। ये केवल समय ही बताएगा कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर रहेगी। शक्तिकांत दास ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2023 को संबोधित करते हुए कहा कि ब्याज दरों को लेकर केंद्रीय बैंक पूरी तरह सतर्क है। महंगाई में कमी सुनिश्चित करने के लिए ‘अर्जुन की आंख’ की तरह नजर रखे हुए है। आरबीआई मुद्रास्फीति की स्थिति पर नजर रखे हुए है और जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी हम उठाने को तैयार हैं। हमें मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट देखने की जरूरत है, हमारा लक्ष्य इसे चार फीसदी पर लाना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों पर उन्होंने कहा कि भारत में पेट्रोल पंपों पर कीमतें मायने रखती हैं। मौजूदा भू-राजनीतिक संकट के मद्देनजर, दुनियाभर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने उच्च महंगाई दर...