संदेशखाली की टीस और टीएमसी की गुंडागर्दी
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के राज में अत्याचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसके तमाम सुबूत पिछले कई वर्षों से लगातार सामने आ रहे हैं। पहले जो अत्याचार वामपंथ की सत्ता में यहां हो रहा था, वही आज ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोग कर रहे हैं । कल के वामपंथी आज ममता के साथ खड़े हैं । जिस अत्याचार से मुक्ति दिलाने के भरोसे यहां की आम जनता ने ममता को सत्ता में बैठाया, वह अब अपने को ठगा महसूस कर रही है। पश्चिम बंगाल में गहरे से देखा जाए तो यही जान पड़ता है कि पूरे भारत में जो नियम और संविधान चलता है वो आज वह इस राज्य में में नहीं है। यहां तो टीएमसी के लिए एक नियम है और अन्यों के लिए एक अलग नियम है। स्थिति इतनी खतरनाक है कि कब, कहां बम फोड़ दिया जाए कुछ पता नहीं । यहां कई जिलों में महिलाओं की चीखों के साथ रात गुजरती है।
नहीं दिखता यहां ममता बनर्जी को महिलाओं ...