महाराष्ट्र में जनादेश का सम्मान
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव का जनादेश भाजपा-शिवसेना के लिए था। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर उस जनादेश को अपमानित किया था। इसमें सुधार एकनाथ शिंदे ने किया। उन्होंने बाला साहब ठाकरे की विरासत के अनुरूप भाजपा के साथ सरकार बनाई। अब अजित पवार ने उस जनादेश को मजबूत बनाने का कार्य किया है। कुछ दिन पहले पटना में विपक्षी नेता गठबंधन बनाने के लिए मिले थे। सबकी अपनी अपनी महत्वाकांक्षा जगजाहिर है। कोई भी किसी दूसरे को प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना चाहता। इसलिए पटना में बात नहीं बनीं। एक और बैठक होगी। उसके पहले ही महाराष्ट्र का महाआघाड़ी दूसरी बार बिखर गया। पहली बार एकनाथ शिंदे ने कथित सेक्युलर राजनीति से परेशान होकर महा आघाड़ी को छोड़ा। अब एनसीपी को छोड़कर अजित पवार शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार के साथ करीब तीस विधायकों के समर्थन का दावा...