Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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हिट एंड रन काबू करने एआई तकनीक होगी कारगर

हिट एंड रन काबू करने एआई तकनीक होगी कारगर

अवर्गीकृत
- ऋतुपर्ण दवे पुणे हिट एंड रन मामले के बाद एक बार फिर पूरे देश में इस संबंधी कानून और नियंत्रण पर नई बहस छिड़ गई है। इस दर्दनाक घटना के आरोपित को नाबालिग बताकर कानून की खामियों या कमियां, दोनों का भरपूर लाभ दिया गया। वह तो देशव्यापी जन आक्रोश को देखकर फैसला बदला गया वरना जिम्मेदारों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया था। निश्चित रूप से ऐसे मामले चर्चाओं में क्यों आते हैं बिना कुछ कहे सब एकदम साफ है। अब एक बार फिर कानून में सुधार पर नए सिरे से सोचना होगा। आरोपित की मंशा और दुर्घटना की परिस्थितियों तथा यदि उपलब्ध है तो डिजिटल साक्ष्य को ध्यान में रख कार्रवाई के लिए प्रभावी व पारदर्शी सुधारों की दरकार महसूस होने लगी है। यह यकीनन बड़ी चुनौती है लेकिन दोष-निर्दोष और अनजाने हुई दुर्घटना के बीच की महीन लकीरों को बिना मिटाए या प्रभावित किए, प्रभावी कार्रवाई चुनौती भी है और जरूरी भी। पुणे दुर्घटना ...
हिट एंड रन…पहले व्यवस्था दुरुस्त हो, फिर सख्ती

हिट एंड रन…पहले व्यवस्था दुरुस्त हो, फिर सख्ती

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- ऋतुपर्ण दवे यकीनन कानून में सुधार वक्त का तकाजा है। रही बात दुर्घटना करने वालों की पतासाजी की तो आजकल जगह-जगह सीसीटीवी लगे हैं। टोल नाके भी हैं। सबके साथ समन्वय बिठाकर भी आरोपित तक पहुंचा जा सकता है। जब बड़े-बड़े हाइवे और राजमार्गों पर अरबों रुपये खर्च होते सकते हैं तो क्या कुछ हजार और खर्च कर हर किलोमीटर पर सीसीटीवी नहीं जरूरी नहीं हो सकते? यकीनन तीसरी आंख और तकनीक की निगरानी से ड्राइवरों पर नकेल के साथ सुरक्षा भी दी जा सकती है, जिसका सभी पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। जब व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी तो सख्त और प्रैक्टिकल कानूनों से भला कोई क्यों ऐतराज करेगा? सुकून की बात है कि ट्रांसपोर्टर्स की देशव्यापी हड़ताल खत्म हो गई। इससे भी अच्छी बात यह रही कि सरकार को जल्द समझ आ गया कि मामला हाथ से निकलता दिख रहा है। इधर देशभर के तमाम ट्रांसपोर्टर संगठनों को 'हिट ऐंड रन' मामले में सजा के नए प्र...