चुनाव में सिर्फ हिन्दू जातियों पर चर्चा करने वाले कौन?
- आर.के. सिन्हा
हर बार की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी अपने को राजनीति का विद्वान बताने वाले ज्ञानियों ने किस संसदीय क्षेत्र में किसके हक में बयार बह रही है, इस विषय पर लिखना-बताना शुरू कर दिया है। वे अपना विश्लेषण रखते हुए बताते हैं कि वहां ( उस संसदीय क्षेत्र में ) इतने फीसद क्षत्रिय, ब्राह्मण, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, यादव वगैरह हैं। यहां तक तो सब ठीक है। पर जातियों का गणित बताने वाले मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों की जातियों पर मौन ही रहते हैं। उन्हें जातियों के कोढ़ के बारे में सिर्फ हिन्दुओं की ही चर्चा करनी होती है। उन्हें लगता है कि मानों जातियां सिर्फ हिन्दू धर्म में ही हैं। जैसे कि बाकी धर्मावलंबी किसी जात-पात में यकीन नहीं करते। इससे एक बात बहुत साफ हो जानी चाहिए हमारे यह कथित विद्वान देश की जमीनी हकीकत से कितने नावाकिफ हैं। उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि जाति भारत का सच है। कोई इंस...