देश की होनी चाहिए राष्ट्रभाषा
- डॉ. सौरभ मालवीय
'हिंदी संस्कृत की बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि है।' ये शब्द बहुभाषाविद और आधुनिक भारत में भाषाओं का सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषा वैज्ञानिक जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन के हैं। नि:संदेह हिंदी देश के एक बड़े भू-भाग की भाषा है। महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। वह कहते थे कि राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। भारत में अनेक भाषायें एवं बोलियां हैं। इसलिए यहां यह कहावत बहुत प्रसिद्ध है- कोस-कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी। भाषा संवाद का माध्यम है। भारतीय संविधान में भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है। यद्यपि केंद्र सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया है। इसमें केंद्र सरकार या राज्य सरकार अपने स्थान के अनुसार किसी भी भाषा का आधिकारिक भाषा के चयन कर सकती है। केंद्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिंदी तथा रोमन भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप म...