Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Himachal Pradesh

चंबा प्रकृति में समृद्ध, विकास में पिछड़ा

चंबा प्रकृति में समृद्ध, विकास में पिछड़ा

अवर्गीकृत
- कुलभूषण उपमन्यु हिमाचल प्रदेश का जिला चंबा आजादी से पहले उत्तर पश्चिमी हिमालय का एक मुख्य रजवाड़ा हुआ करता था. जो आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश में 1948 में शामिल हुआ और जिला चंबा कहलाया। हालांकि लाहौल का भी कुछ क्षेत्र चंबा रजवाड़े का भाग हुआ करता था जिसे चंबा-लाहौल कहा जाता था। पंजाब-हिमाचल के पुनर्गठन के बाद कुल्लू लाहौल का मुख्य भाग भी जब हिमाचल में शामिल हो गया तब चंबा लाहौल वाला क्षेत्र जिला लाहौल-स्पिति में डाल दिया गया। चंबा रजवाड़ा शासन के अंतर्गत अन्य पहाड़ी रजवाड़ों से विकसित और प्रगतिशील माना जाता था। जहां 1870 से पहले राजा श्री सिंह के समय आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण हो चुका था। राजा शाम सिंह के समय जिसे 40 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया। राज्य के दूरदराज हिस्सों को सड़कों से जोड़ा गया। विद्यालय खोले गए। प्रतिभाशाली छात्रों को राज्य से बाहर पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था हु...
हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण

हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण

अवर्गीकृत
- कुलभूषण उपमन्यु समग्र हिमालय की तरह हिमाचल प्रदेश भी जलवायु परिवर्तन के इस दौर में लगातार आपदाओं की चपेट में आता जा रहा है। गत वर्ष की तबाही को अभी तक प्रदेश भूल नहीं पाया है। आपदा प्रभावितों के जख्मों पर अभी तक भी पूरी तरह से मरहम नहीं लगाया जा सका है। प्रदेश की कमजोर आर्थिकी और केंद्रीय सहायता के इंतजार में बहुत काम लटका पड़ा है। खासकर जिनके मकानों के नीचे की जमीन भी क्षतिग्रस्त हो गई है, उन्हें वन संरक्षण अधिनियम के चलते वैकल्पिक जमीन देना भी असंभव बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश का 67 प्रतिशत भूभाग वन भूमि है, जिसका भूमि उपयोग बदलना टेढ़ी खीर बना हुआ है। गत वर्ष दो हजार घर पूरी तरह से तबाह हो गए थे और नौ हजार आंशिक रूप से तबाह हुए। 400 से अधिक मूल्यवान जीवनकाल का ग्रास बन गए थे। बाढ़ और भू-स्खलन का यह दौर चाहे जलवायु परिवर्तन के चलते भयंकर स्थिति में पहुंच गया हो या अवैज्ञानिक निर्माण कार्...
हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

देश
- मुकेश अग्निहोत्री ने ली उप मुख्यमंत्री पद की शपथ, किसी भी मंत्री को नहीं दिलाई गई शपथ शिमला । हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 58 वर्षीय सुक्खू हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित समारोह में हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सुक्खू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुकेश अग्निहोत्री ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सुक्खू ने दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर हिंदी में शपथ ली। उनके बाद अग्निहोत्री ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने भी हिंदी में शपथ ली। हालांकि अभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को शपथ नहीं दिलाई गई है। समारोह में पहुंचे कांग्रेस के कई दिग्गज नेता खुशगवार मौसम के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह के इस खास मौके पर उनकी मां संसारी देवी (85) भी साक्षी बनी...
तीनों पार्टियां गदगद, तीनों को सबक

तीनों पार्टियां गदगद, तीनों को सबक

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणामों का सबक क्या है? दिल्ली और हिमाचल में भाजपा हार गई और गुजरात में उसकी एतिहासिक विजय हुई है। हमारी इस चुनाव-चर्चा के केंद्र में तीन पार्टियां हैं- भाजपा, कांग्रेस और आप। इन तीनों पार्टियों के हाथ एक-एक प्रांत लग गया है। दिल्ली का चुनाव तो स्थानीय था लेकिन इसका महत्व प्रांतीय ही है। दिल्ली का यह स्थानीय चुनाव प्रांतीय आईने से कम नहीं है। दिल्ली में आप को भाजपा के मुकाबले ज्यादा सीटें जरूर मिली हैं लेकिन उसकी विजय को चमत्कारी नहीं कहा जा सकता है। भाजपा के वोट पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़े हैं लेकिन आप के घटे हैं। आप के मंत्रियों पर लगे आरोपों ने उसके आकाशी इरादों पर पानी फेर दिया है। भाजपा ने यदि सकारात्मक प्रचार किया होता और वैकल्पिक सपने पेश किए होते तो उसे शायद ज्यादा सीटें मिल जातीं। भाजपा ने तीनों स्थानीय निगमों को मिलाकर...
हिमाचल प्रदेश : किन्नौर में बादल फटा, बाढ़ ने मचाई तबाही, घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर भागे लोग

हिमाचल प्रदेश : किन्नौर में बादल फटा, बाढ़ ने मचाई तबाही, घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर भागे लोग

देश
किन्नौर । आफत का ये सैलाब काफी डराने वाला था. तस्वीरें ऐसी थी कि किसी की भी देखकर रूह कांप जाए. पहाड़ी से नीचे की तरफ तेजी से आता ये सैलाब जिस रास्ते से गुजरा सब कुछ बहाकर अपने साथ ले गया. हिमाचल (Himachal Pradesh) के किन्नौर के शलखर गांव में सोमवार को बादल फटने से सैलाब आ गया. बादल फटने (Cloudburst) के बाद पहाड़ी के ऊपर से सैलाब जब नीचे पहुंचा तो और विकराल हो गया. सैलाब के प्रवाह की आवाज डराने वाली है. किन्नौर के शलखर में बादल फटने के बाद जो सैलाब आया उससे नदी नाले सब उफान पर आ गए. घर के पास से पानी कितनी तेजी से बह रह रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे ये सैलाब घर को बहा ले जाने पर आमादा हो. सब कुछ बहा ले गया सैलाब पहाड़ी से होता हुआ सैलाब नदी नालों को चीरता जब आगे बढ़ा तो उसके रास्ते में जो कुछ आया वो सब बह गया. सैलाब का प्रवाह कम हुआ तो बर्बादी का मंजर नजर आने लगा. जिस रास्ते से भी सैलाब गु...