नरक चतुर्दशी: नरक से मुक्ति का मार्ग दीपदान
- योगेश कुमार गोयल
भारत में कार्तिक कृष्ण पक्ष में पांच पर्वों का जो विराट महोत्सव मनाया जाता है, उसकी शृंखला में सबसे पहले पर्व धनतेरस के बाद दूसरा पर्व आता है ‘नरक चतुर्दशी’। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले पर्व ‘नरक चतुर्दशी’ के नाम में ‘नरक’ शब्द से ही आभास होता है कि इस पर्व का संबंध भी किसी न किसी रूप में मृत्यु अथवा यमराज से है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमराज का पूजन करने तथा व्रत रखने से नरक की प्राप्ति नहीं होती। दीपावाली से ठीक एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व की तिथि को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति है कि यह पर्व 11 नवंबर को मनाया जाएगा या 12 नवंबर को। दरअसल कई स्थानों पर यह पर्व इस बार दीपावाली के साथ 12 नवंबर को ही मनाए जाने का उल्लेख है लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि इस बार 11 नवंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर...