देश में समरसता का माहौल
- बृजनन्दन राजू
भारत की संस्कृति राममय है। राम राष्ट्रनायक हैं। भारत के जीवन दर्शन में सर्वत्र राम समाये हुए हैं। भारत की आस्था, भारत का मन, भारत का विचार, भारत का दर्शन, भारत का चिंतन, भारत का विधान राम से है। भारत का प्रताप, प्रभाव व प्रवाह भी राम हैं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से राम की सर्वव्यापकता के दर्शन हुए। भारत के नगर, ग्राम, गिरी और कंदराओं से लेकर दुनिया के 125 देशों में रहने वाले हिन्दुओं ने उत्सव मनाया। युवाओं के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम से बढ़कर कोई आदर्श नहीं हो सकता। राम ने अपने जीवन का स्वर्णिम समय 'तरुणाई' को राष्ट्र के काम में लगाया। राम का सारा जीवन प्रेरणा से भरा है। राम की राजमहल से जंगल तक की यात्रा को देखें तो कठिनतम परिस्थितियों में भी वह अविचल रहे। उन्होंने समाज में सब प्रकार का आदर्श स्थापित किया। आदर्श भाई,आदर्श मित्र,आज्ञाकारी पुत्र, आज्ञाकार...