Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए परिवार की तरह चला रहा हूँ सरकार: शिवराज

नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए परिवार की तरह चला रहा हूँ सरकार: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर जिले के निमोटा में छह करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों का किया भूमि-पूजन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि मैं सरकार को परिवार की तरह चला रहा हूँ। लोगों की जिन्दगी में खुशियाँ लाने के लिए मैं दिन-रात काम कर रहा हूँ। नि:शुल्क राशन (Free ration), मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister's residence), आयुष्मान कार्ड (Ayushman card) जैसी योजनाओं का लाभ आज हर व्यक्ति को मिल रहा है। आप सभी मेरा परिवार हैं। आपकी तकलीफों को दूर करना, आपके चेहरों पर सदैव मुस्कुराहट बनाए रखना और आपकी आँखो में कभी आँसू नहीं आने देना मेरा फर्ज है। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को सीहोर जिले के भैरूंदा जनपद के ग्राम निमोटा में जनसंवाद एवं हितलाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्राम निमोटा में 6 करोड़ 30 लाख 31 हजार रुपये क...
श्रावणी तीज : सावन का त्योहार, खुशियां अपार

श्रावणी तीज : सावन का त्योहार, खुशियां अपार

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- रमेश सर्राफ धमोरा श्रावण के महीने में चारों ओर हरियाली की चादर सी बिखर जाती है। जिसे देख कर सबका मन झूम उठता है। सावन का महीना एक अलग ही मस्ती और उमंग लेकर आता है। श्रावण के सुहावने मौसम के मध्य में आता है तीज का त्योहार। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। उत्तर भारत में यह हरियाली तीज के नाम से भी जानी जाती है। सावन के महीने में सिंजारा, तीज, नागपंचमी एवं सावन के सोमवार जैसे लोकपर्व उत्साह पूर्वक मनाए जाते हैं। श्रावण के महीने में मनाई जानेवाली हरियाली तीज आस्था, प्रेम, सौंदर्य व उमंग का त्योहार है। तीज को मुख्यतः महिलाओं का त्योहार माना जाता है। यह पर्व महिलाओं की सांस्कृतिक मान्यताओं का प्रतीक है। सावन माह में मनाया जाने वाला हरियाली पर्व दंपतियों के वैवाहिक जीवन में समृद्धि, खुशी और तरक्की का प्रतीक है। तीज का त्योहार भारत के कोने-कोने में मनाया जाने वाला एक...
समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

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- गिरीश्वर मिश्र आज के सामाजिक जीवन को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हर कोई सुख, स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के साथ जीवन में प्रमुदित और प्रफुल्लित अनुभव करना चाहता है। इसे ही जीवन का उद्देश्य स्वीकार कर मन में इसकी अभिलाषा लिए आत्यंतिक सुख की तलाश में सभी व्यग्र हैं और सुख है कि अक्सर दूर-दूर भागता नजर आता है। आज हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हर कोई किसी न किसी आरोपित पहचान की ओट में मिलता है। दुनियावी व्यवहार के लिए पहचान का टैग चाहिए पर टैग का उद्देश्य अलग-अलग चीजों के बीच अपने सामान को खोने से बचाने के लिए होता है। टैग जिस पर लगा होता है उसकी विशेषता से उसका कोई लेना-देना नहीं होता। आज हमारे जीवन में टैगों का अम्बार लगा हुआ है और टैग से जन्मी इतनी सारी भिन्नताएं हम सब ढोते चल रहे हैं। मत, पंथ, पार्टी, जाति, उपजाति, नस्ल, भाषा, क्षेत्र, इलाका समेत जाने कितने तरह के टैग भेद का आधार बन...
जनसंख्या वृद्धि खुशी के साथ चिंता भी!

जनसंख्या वृद्धि खुशी के साथ चिंता भी!

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- प्रमोद भार्गव भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां दुविधा और विरोधाभास प्रगति के समानान्तर चलते हैं। अतैव जनसंख्या बल जहां शक्ति का प्रतीक है, वहीं उपलब्ध संसाधनों पर बोझ भी है। इसलिए अनेक समस्याएं भी सुरसामुख बन खड़ी होती रहती हैं। हालात तब और कठिन हो जाते हैं, जब संसाधनों के बंटवारे में विसंगति बढ़ती चली जा रही हो? गोया कहा जा सकता है कि बढ़ती आबादी वरदान नहीं बोझ है। नतीजतन 'संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष' की रिपोर्ट ने जब ये आंकड़े जारी किए कि भारत की आबादी चीन से अधिक बढ़ गई है, तो चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। हालांकि यह संभावना बहुत पहले से जताई जा रही थी कि भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। बावजूद इसके कुछ जनसंख्या विशेषज्ञ इस बात को लेकर आशंका जता रहे हैं कि यह समय अभी नहीं जून में आना था। परंतु आम आदमी को आंकड़ों की बाजीगरी न तो आसानी से समझ आती है और न ही वह किसी निष्कर्ष ...
बैसाखी पर विशेष: नाचो-गाओ, खुशियां मनाओ कि आई बैसाखी

बैसाखी पर विशेष: नाचो-गाओ, खुशियां मनाओ कि आई बैसाखी

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- योगेश कुमार गोयल कृषि प्रधान देश भारत में बैसाखी पर्व का संबंध फसलों के पकने के बाद उसकी कटाई से जोड़कर देखा जाता रहा है। इसे विशेष तौर पर पंजाब का प्रमुख त्योहार माना जाता है। वैसे देशभर में बैसाखी को बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन सिख समुदाय बैसाखी से ही नए साल की शुरूआत मानते हैं। इस दिन एक-दूसरे को बधाइयां दी जाती हैं। पंजाब में किसान अपने खेतों को फसलों से लहलहाते देखता है तो इस दिन खुशी से झूम उठता है। खुशी के इसी आलम में शुरू होता है गिद्दा और भांगड़ा का मनोहारी दौर। पंजाब में ढोल-नगाड़ों की धुन पर पारम्परिक पोशाक में युवक-युवतियां नाचते-गाते और जश्न मनाते हैं। सभी गुरुद्वारों को फूलों तथा रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है। उत्तर भारत और विशेषतः पंजाब तथा हरियाणा में गिद्दा और भांगड़ा की धूम के साथ मनाए जाने वाले बैसाखी पर्व के प्रति भले ही काफी जोश देखने क...
प्रसन्नता भारतीय राष्ट्रभाव का अंग

प्रसन्नता भारतीय राष्ट्रभाव का अंग

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- हृदयनारायण दीक्षित संयुक्त राष्ट्र टिकाऊ विकास समाधान नेटवर्क की हाल में जारी विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट की खासी चर्चा है। प्रसन्नता रिपोर्ट हर साल 20 मार्च के आसपास जारी की जाती है। वर्ष 2023 की रिपोर्ट में 136 देशों को शामिल किया गया है। प्रसन्नता को मापने के लिए छह प्रमुख आधार बताए गए हैं। पहला सामाजिक सहयोग है। आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की अनुपस्थिति भी आधार हैं। ताजा रिपोर्ट में फिनलैंड प्रथम है। डेनमार्क दूसरा है। तीसरा आइसलैंड है। रिपोर्ट में अफगानिस्तान को सबसे बुरा प्रदर्शनकर्ता बताया गया है। 136 देशों की सूची में भारत को 125वां स्थान दिया गया है। वर्ष 2022 में 146 देशों में भारत 136वें स्थान पर था। रिपोर्ट की मानें तो भारत नेपाल, चीन, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पडोसी देशों से भी पीछे है। राष्ट्रीय प्रसन्नता सूचकांक की धारणा 1972 में भूटान से प्रारम्भ हुई थ...
समाजिक समरसता और सद्भाव का उत्सव है होली

समाजिक समरसता और सद्भाव का उत्सव है होली

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- सुरेन्द्र किशोरी होली एक ऐसा उत्सव है जिसका नाम सुनते ही क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या पुरुष क्या महिला, सबके मन में उमंग हिलोरे मारने लगती है। वसंत ऋतु के इस महत्वपूर्ण उत्सव में हर कोई एक दूसरे को रंग देना चाहता है। यह रंग सिर्फ बाहरी रंग नहीं, बल्कि मन के अंदर का भी रंग होता है। होली एक ऐसा उत्सव है जो बुराइयों को भस्म कर हंसी-खुशी का वातावरण बनाने का संदेश देता है। इसमें अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, छोटे-बड़े जैसी सारी दूरियां सिमट जाती हैं, समरसता और सद्भाव का सुन्दर वातावरण विनिर्मित होता है। यह मनोविनोद के सहारे मनोमालिन्य मिटाने का उत्सव है। यह आपस के मनमुटाव को भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलने का पर्व और उत्सव है। होली शुचिता, स्वच्छता, समता, ममता, एकता का पर्व है। समय की मांग है कि आज प्रत्येक व्यक्ति होली का दर्शन समझे, कम से कम स्वयं गंदगी नहीं करने और गंदगी नहीं होने देने का संकल्प अपने...
आनंद, प्रसन्नता देने के साथ शरीर को मजबूत बनाते हैं खेलः शिवराज

आनंद, प्रसन्नता देने के साथ शरीर को मजबूत बनाते हैं खेलः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- क्रिकेटर गौतम गंभीर रेहटी में प्रेम सुंदर मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट में शामिल हुए मुख्यमंत्री कहा-पढ़ो, खेलो और स्व-रोजगार से जुड़ो, मप्र के 101 गाँव में बनेंगे खेल मैदान भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने युवाओं से कहा कि पढ़ो, खेलो और स्व-रोजगार से जुड़ो। पढ़ाई के साथ खेल भी आवश्यक (Sports is also necessary along with studies.) है। खेल आनंद, प्रसन्नता देते हैं और शरीर को मजबूत बनाते हैं। प्रदेश में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेलकूद के पूरे अवसर और सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलकूद के लिए भी प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री चौहान रेहटी (सीहोर) में क्रिकेट प्रतियोगिता के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। दरअसल, मुख्यमंत्री चौहान और प्रसिद्ध क्रिकेटर एवं सांसद गौतम गंभीर रविवार शाम को यहां प्रेम सुंदर ...

सुराज के सपनों का अमृत संकल्प

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- ह्रदय नारायण दीक्षित स्वाधीनता उच्चतर आनंद है और पराधीनता असह्य दुख है- पराधीन सपनेहु सुख नाही। पराधीन व्यक्ति समाज और राष्ट्र अपनी संस्कृति का आनंद नहीं ले सकते। उनके जीवन में मुक्त रस प्रवाहमान नहीं होता। भारत के लोग लगभग 200 वर्ष तक ब्रिटिश सत्ता के अधीन रहे। विदेशी सत्ता ने भारत को लूटा। यहां से कच्चा माल इंग्लैंड ले गए। वहां से यहां पक्का माल लाते रहे। भारत के उद्योगतंत्र का यहां सर्वनाश हुआ। ईसाई भय लोभ और षड्यंत्र से भारतवासी गरीबों का धर्मांतरण कराते रहे। पराधीन भारत का मन ब्रिटिश सत्ता ने तोड़ा। 1857 में पहला स्वाधीनता संग्राम हुआ। ब्रिटिश सत्ता का सिंहासन हिल गया। लड़ाई जारी रही। स्वाधीनता संग्राम में सेनानी नहीं झुके। 1942 में भारत छोड़ो की घोषणा हुई। अंततः 15 अगस्त, 1947 के दिन भारत स्वाधीन हो गया। हम भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाया। संस्थाएं बनाईं। भारत में संविधान का शास...