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डबरा उप जेल में कैदी ने लगाई फांसी, परिजनों और अभिभाषकों ने लगाया जाम

डबरा उप जेल में कैदी ने लगाई फांसी, परिजनों और अभिभाषकों ने लगाया जाम

देश, मध्य प्रदेश
- जेलर पर एफआईआर, दो प्रहरी निलंबित ग्वालियर। जिले के डबरा स्थित उपजेल में गुरुवार की रात पाक्सो एक्ट के एक मामले में बंद एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। गुस्साए परिजनों ने अभिभाषकों के साथ दोपहर थाना चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेलर उसे प्रताड़ित करते थे और रुपयों की मांग भी करते थे। अभिभाषक जेलर पर मामला दर्ज करने की मांग पर अड़ गए। इसके बाद प्रभारी जेलर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने उप जेल के दो प्रहरियों को निलंबित कर दिया। जानकारी के अनुसार, डबरा उप जेल में पाक्सो एक्ट के तहत अविनाश (24) पुत्र अजय छीपा ने गुरुवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद जेल स्टाफ उसे सिविल अस्पताल लेकर आया, जहां पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को दोपहर में पोस्टमा...
क्रांतिकारी तात्या टोपे: अंग्रेजों ने भीड़ के सामने दी फांसी

क्रांतिकारी तात्या टोपे: अंग्रेजों ने भीड़ के सामने दी फांसी

अवर्गीकृत
- प्रहलाद भारती ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देश की आजादी के संघर्ष में वीरता, पराक्रम और रणनीति के लिए विख्यात अखंड भारत के पहले स्वाधीनता समर के महानायक क्रांतिवीर तात्या टोपे का जन्म 1814 को येवला ग्राम में मा रुक्मिणी बाई और पिता पाण्डुरंगराव भट्ट येवलेकर के घर पर हुआ था। तात्या का परिवार 1818 में नाना साहब पेशवा के साथ ही बिठूर आ गया था। अंग्रेजों द्वारा हर कदम पर भारत और भारतीयों के विरुद्ध खेली जा रही चालों के विरुद्ध एक देशव्यापी अभियान संगठित रूप से चलाने में नाना साहब पेशवा के साथ तात्या टोपे का बड़ा योगदान था। यह अभियान 1857 के संग्राम से काफी पहले से आरम्भ होकर तात्या टोपे की मृत्यु तक निर्बाध चलता रहा। 1857 की क्रांति में तात्या टोपे ने छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई 'गुरिल्ला युद्धशैली (छापामार युद्धशैली)' को अपनाकर आजादी की लड़ाई को अपनी शहादत तक निरन्तर जारी रखा। तात्या...
भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में ब्लास्ट मामले में 7 आतंकियों को फांसी, एक को उम्रकैद

भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में ब्लास्ट मामले में 7 आतंकियों को फांसी, एक को उम्रकैद

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को करीब पांच साल पहले भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में ब्लास्ट करने के मामले में आठ आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी है। इनमें से सात को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन आठ आतंकियों में चार आतिश, दानिश, मोहम्मद फैजल व सैयद मीर को मप्र के नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से गिरफ्तार किया गया था। करीब पांच साल पहले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को डैमो देने के लिए भोपाल-उज्जैन पैसेंजर की एक बोगी में विस्फोटक रखखर ब्लास्ट किया गया था। इसके लिए सीरिया के आतंकी टास्क दे रहे थे। उन्होंने किसी की भी हत्या करने को कहा था। जिसके बाद आतंकी चलती ट्रेन में ब्लास्ट कर भाग गए थे। घटना 7 मार्च 2017 की है। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन (59320) सुबह 6:25 बजे भोपाल स्टेशन से रवाना हुई। सुबह 9:38 बजे शाजापुर जिले के कालापीपल के पास जबड़ी रेलवे स्टेशन के करीब ट्रेन म...