गुरु के सम्मान का पर्व है गुरु पुर्णिमा
- रमेश सर्राफ धमोरा
गुरु शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है और इसका गहन आध्यात्मिक अर्थ है। इसके दो अक्षरों गुरु में गु शब्द का अर्थ है अज्ञान। रु शब्द का अर्थ है आध्यात्मिक ज्ञान का तेज जो आध्यात्मिक अज्ञान का नाश करता है। संक्षेप में गुरु वे हैं जो मानव जाति के आध्यात्मिक अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाते हैं और उसे आध्यात्मिक अनुभूतियां और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं । गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक साधु-संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तृप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है। वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप...