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जी-20 के ध्येय वाक्य का महत्व

जी-20 के ध्येय वाक्य का महत्व

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री किसी वैश्विक संगठन ने पहली बार भारतीय सूक्ति को अपना ध्येय वाक्य बनाया है। वस्तुतः यह भारतीय चिंतन के बढ़ते प्रभाव और लोकधर्म की प्रतिध्वनि है। इसे विश्व सहजता से स्वीकार कर रहा है। लोगों को धीरे-धीरे यह समझ में आ रहा है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान भारतीय चिंतन के माध्यम से किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि परिवार भाव से ही सबका भला होगा। भारत ने विश्व को एक परिवार माना है। जी-20 का ध्येय वाक्य भी 'वसुधैव कुटुम्बकम्' है। विश्व के लिए परिवार की बहुत आवश्यकता है। कई देशों में वहां के राजनीतिक दलों को अपने चुनाव घोषणा पत्र में लिखना पड़ रहा है कि हम पारिवारिक मूल्यों को लागू करेंगे। आज परिवार में एकता की बात होती है, लेकिन यह बात विरोधाभासी है। परिवार का मतलब ही एकता है, लेकिन आज परिस्थिति ऐसी हो गई है कि परिवार म...