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सरकार ने 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को दी मंजूरी

सरकार ने 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को दी मंजूरी

देश, बिज़नेस
-भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को गैर-बासमती चावल निर्यात की अनुमति नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) ने गैर-बासमती सफेद चावल (Non-Basmati White Rice) के निर्यात पर लागू प्रतिबंध में थोड़ी ढील (Easing of restrictions on exports) दी है। केंद्र सरकार ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर के अनुरोध पर 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात (export 1.43 lakh tonnes of non-basmati white rice) की अनुमति (Permission) दे दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने देर रात जारी अधिसूचना में कहा कि सरकार ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है। डीजीएफटी की अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से इस निर्यात की अनुमति दी गई है। भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए अधिसूचित किया गय...
बासमती चावल के नाम पर सफेद चावल का निर्यात, सरकार सख्त

बासमती चावल के नाम पर सफेद चावल का निर्यात, सरकार सख्त

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) बासमती चावल (Basmati rice) के नाम पर सफेद गैर बासमती चावल (White non basmati rice) के अवैध निर्यात (illegal export) को रोकने के लिए उपाय कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार उबले हुए चावल और बासमती चावल के निर्यात पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। वही घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए 20 जुलाई से गैर बासमति सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार का कहना है कि केवल 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन और उससे अधिक मूल्य के बासमती को निर्यात संबंधी पंजीकृत किया जाना चाहिए। 1200 अमेरिका डॉलर से कम कीमत वाले चावल को लेकर एक समिति मूल्यांकन करेगी। समिति की सिफारिश के बाद ही उद्योग जगत के साथ मिलकर कम मूल्य के निर्यात पर फैसला लिया जाएगा। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण को इस संब...
नागरिक सुरक्षा और सरकार

नागरिक सुरक्षा और सरकार

अवर्गीकृत
- डॉ. रमेश ठाकुर चौदह अगस्त को ‘राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा दिवस’ है, जिसके मायने मानवीय जीवन के लिए बहुत खास हैं। तेज भागती जिंदगी और मशीनरी युग में दौड़ती इंसानी जीवनशैली में जोखिम की कमी नहीं है। किसी के साथ कब क्या हो जाए, कुछ नहीं पता? नागरिक सुरक्षा दुरुस्त करना, चाहें राज्य की सरकारें हों या केंद्र सरकार, सबका पहला धर्म होता है कि वह अपने लोगों को सुरक्षा की गारंटी दें। इस दायित्व से कोई मुंह नहीं मोड़ सकता। समाज का जिम्मेदार नागरिक जब अपनी सरकार से किसी चीज की मांग करता है, उसके लिए उसे धरना, आंदोलन भी करना पड़ता है, तो उसका समाधान निकालना सरकार की पहली जिम्मेदारी होती है। पर, आज के वक्त में परिदृश्य बहुत बदल चुका है। नागरिक मांगों पर सरकारें मुंह फेरती हैं, सामाजिक मुद्दों को इग्नोर करती हैं। तब, ऐसा प्रतीत होता है कि सामाजिक सुरक्षा को लेकर हुकूमतें गंभीर नहीं है। हुकूमतें ऐसा न करें...
बफर स्टॉक से 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खुदरा बाजार में बेचेगी सरकार

बफर स्टॉक से 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खुदरा बाजार में बेचेगी सरकार

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अपने बफर स्टॉक से 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खुले बाजार में जारी करना शुरू कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग जिन राज्यों में प्याज की खुदरा कीमतें औसत मूल्य से अधिक है, उन राज्यों में बफर स्टॉक से प्याज जारी करेंगे। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने इस वर्ष बनाए गए 3 लाख मीट्रिक टन के बफर स्टॉक से प्याज जारी करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय के मुताबिक खाद्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने भारतीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) के प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक कर इसके निपटान के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया है। मंत्रालय के मुताबिक उन राज्यों या क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों में बफर स्टॉक से प्य...
सरकार खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं, 25 लाख टन चावल और बेचेगी

सरकार खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं, 25 लाख टन चावल और बेचेगी

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों (rising food prices) पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं (5 million tonnes wheat) और 25 लाख टन चावल (2.5 million tonnes rice) खुले बाजार में बेचेगी। उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचने का निर्णय लिया है। चावल और गेहूं की बिक्री भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ई-नीलामी के जरिए की जाएगी। मंत्रालय के मुताबिक आरक्षित मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी और इसका प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये प्रति क्विंटल होगा। आरक्षित मूल्य में कमी के कारण होने वाली लागत उपभोक्ता मामले के विभाग द्वार...
देश में खपत के हिसाब से चीनी की पर्याप्त उपलब्धता: सरकार

देश में खपत के हिसाब से चीनी की पर्याप्त उपलब्धता: सरकार

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। त्योहारी सीजन (festive season) में चीनी की मिठास कम नहीं (no less sweet than sugar) होने वाली है। केंद्र सरकार (Central government) ने कहा है कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है। घेरलू खपत के हिसाब से चीनी का पर्याप्त स्टॉक (Adequate stock of sugar available) उपलब्ध है। उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है। घरेलू खपत के हिसाब से चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ने के बावजूद घरेलू बाजार में इसकी कीमत स्थिर है। मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत भारत की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है लेकिन देश में चीनी की औसत खुदरा कीमत करीब 43 रुपये प्रति किलोग्राम है। आने वाले समय में इसके सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है। दरअसल, देश में 108 ल...
किसानों के हित में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार : मुख्यमंत्री शिवराज

किसानों के हित में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार : मुख्यमंत्री शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने किया हंडिया बैराज माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ((Chief Minister Shivraj Singh Chouhan)) ने सोमवार शाम को देवास जिले की खातेगांव विधानसभा (Khategaon Assembly of Dewas District) में 1294 करोड़ (worth more than 1294 crores) से अधिक की हंडिया बैराज माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना (Handia barrage micro lift irrigation project) का भूमि-पूजन किया। इस मौके पर उन्होंने हंडिया बैराज माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का नाम बाबा सिद्धनाथ परियोजना करने और हरणगांव को तहसील बनाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के हित में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी, किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए, सरकार निरन्तर कार्य रही है। जब तक खेती फायदे का धन्धा नहीं बन जाती तब तक सरकार चैन की सांस नहीं लेगी। किसानों के कल्याण के ल...
सरकार का राजकोषीय घाटा पहली तिमाही में 25.3 फीसदी रहाः सीजीए

सरकार का राजकोषीय घाटा पहली तिमाही में 25.3 फीसदी रहाः सीजीए

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। भारत सरकार (Government of India) का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष 2023-24 (Current financial year 2023-24 first quarter) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 4,51,370 करोड़ रुपये (Rs 4,51,370 crore) रहा। यह समूचे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 25.3 फीसदी है। वित्त मंत्रालय ने जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय के लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में बताया कि 30 जून के अंत में राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में 4,51,370 करोड़ रुपये रहा। यह समूचे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 25.3 फीसदी है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान को 21.2 फीसदी रहा था। सरकारी राजस्व एवं व्यय के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सीजीए के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के ...
भारत को 2047 तक विकसित देश बनाना सरकार का लक्ष्य: सीतारमण

भारत को 2047 तक विकसित देश बनाना सरकार का लक्ष्य: सीतारमण

देश, बिज़नेस
कहा-बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार और समावेशन पर दे रही ध्यान सरकार नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत (India) को 2047 तक विकसित देश (developed country) बनाने के लिए सरकार चार पहलुओं पर ध्यान दे रही है। इन पहलू में बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार और समावेशन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन हैं। सीतारमण ने शनिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार का लक्ष्य ऐसे भारत का निर्माण करना है, जो 2047 तक एक विकसित देश बनने की अपनी मंजिल तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पहले बुनियादी ढांचे पर बहुत ज्यादा जोर दे रहे हैं। पिछले तीन से पांच साल में बुनियादी ...