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मप्र में शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ा, आदेश जारी

मप्र में शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ा, आदेश जारी

देश, बिज़नेस
- महंगाई भत्ता बढ़कर हुआ 38 प्रतिशत, पांच लाख से अधिक कर्मचारी होंगे लाभान्वित भोपाल। राज्य शासन ने शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी का इजाफा कर दिया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने शुक्रवार देर शाम आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के बाद महंगाई भत्ता दर एक जनवरी 2023 से (भुगतान माह फरवरी 2023) में बढ़कर कुल 38 प्रतिशत हो जाएगा। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ प्रदेश के पांच लाख से अधिक सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को मिलेगा। जनसम्पर्क अधिकारी संतोष मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में शासकीय सेवकों को एक अगस्त 2022 से सातवें वेतनमान में 34 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। अब केंद्रीय कर्मचारियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। वहीं, पेंशनरों को 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जो केंद्र सरकार के पेंशनरों की तुलना में पांच प्रतिशत कम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौह...
भ्रष्टाचारियों से कैसे निपटें?

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अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक सुप्रीम कोर्ट ने रिश्वतखोर सरकारी नौकरों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। अब उनका अपराध सिद्ध करने के लिए ऐसे प्रमाणों की जरूरत नहीं होगी कि रिश्वत देनेवाला और लेनेवाला खुद स्वीकार करे कि मैंने रिश्वत दी है और मैंने रिश्वत ली है। यदि वे खुद स्वीकार न करें या अपने कथन से पलट जाएं या उनमें से कोई मर जाए तो भी अदालत को न्याय जरूर करना होगा। अदालतों को चाहिए कि वे दूसरे प्रमाणों की खोज भी करें। जैसे गवाहों से पूछें, बैंक के खाते तलाशें, रिश्वतखोरों की चल अचल-संपत्तियों का ब्योरा इकट्ठा करवाएं, उनके परिवारों के रहन-सहन और खर्चों का कच्चा चिट्ठा तैयार करवाएं, सरकारी कागजातों को खंगलवाएं आदि कई प्रमाणों के आधार पर रिश्वत के लेन-देन को पकड़ा जा सकता है। अब तक रिश्वत के कई मामले रास्ते में ही बिखर जाते रहे हैं, लेकिन रिश्वत विरोधी कानून की इस नई व्याख्या के कारण अब ज्यादा मामले...