एमएसपी अच्छा कदम, फिर क्यों सितम
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
केंद्र सरकार ने खरीफ फसल की धान एवं ज्वार की दो किस्मों सहित 16 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा कर एक बार फिर किसानों को बड़ी राहत दी है। देखा जाए तो एक दशक पहले यानी कि 2010-11 की तुलना में एमएसपी में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है तो कृषि लागत में भी बढ़ोतरी हुई है। खरीफ फसलों में वैसे तो सबसे अधिक तिल की एमएसपी में 805 और मूंग के भावों में 803 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि चाहे धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, तिल, रामतिल व कपास सभी के भावों में लागत से 50 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी की गई है। अच्छी बात यह मानी जा सकती है कि अब केंद्र सरकार द्वारा बुवाई आरंभ होने से पहले ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की सरकारी खरीद की न्यूनतम दर तय कर देती है। बावजूद इसके किसान संगठन नाखुश रहते हैं...