गुड फ्राइडे: यीशु के बलिदान और शिक्षाओं को याद करने का दिन
- योगेश कुमार गोयल
‘‘हे ईश्वर! इन्हें क्षमा करें, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।’’ यह प्रार्थना थी यीशु (ईसा मसीह) की उन हत्यारों के लिए, जिन्होंने भयावह अमानवीय यातनाएं देते हुए उनके प्राण ले लिए। यीशु के सिर पर कांटों का ताज रखा गया, उन्हें सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने को विवश किया गया और गोल गोथा नामक स्थान पर ले जाकर दो अन्य अपराधियों के साथ बेरहमी से कीलों से ठोकते हुए क्रॉस पर लटका दिया गया। यीशु ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए और दया-क्षमा का अपना संदेश अमर कर दिया। पृथ्वी पर बढ़ रहे पापों के लिए बलिदान देकर ईसा ने निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। सूली पर प्राण त्यागने से पहले यीशु ने कहा था, ‘‘हे ईश्वर! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूं।’’
यीशु ने मानवता की भलाई के लिए बलिदान दिया। उनके बलिदान, उनकी...