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देवताओं को अमृतपान कराकर अमर किया था धन्वंतरि ने

देवताओं को अमृतपान कराकर अमर किया था धन्वंतरि ने

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- योगेश कुमार गोयल दिवाली से दो दिन पूर्व ‘धनतेरस’ नामक त्योहार मनाया जाता है, जो इस वर्ष 10 नवम्बर को मनाया जा रहा है। धनतेरस का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है तथा इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि एवं धन व समृद्धि की देवी लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता और देवताओं का चिकित्सक माना गया है, इसलिए धनतेरस चिकित्सकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय इसी दिन धन्वंतरि आयुर्वेद और अमृत लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस मनाए जाने के संबंध में जो प्रचलित कथा है, उसके अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन देवताओं और असुरों द्वारा मिलकर किए जा रहे समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से निकले नवरत्नों में से एक धन्वंतरि ऋषि भी थे, जो जनकल्याण की भावना से अमृत कलश सहित अवतरित ह...
धन्वन्तरि जयन्ती: देवताओं के वैद्य, चिकित्सा के देवता

धन्वन्तरि जयन्ती: देवताओं के वैद्य, चिकित्सा के देवता

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- रमेश सर्राफ धमोरा हमारे देश में सर्वाधिक धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली का प्रारम्भ धनतेरस से हो जाता है। इसी दिन से घरों की लिपाई-पुताई प्रारम्भ कर देते हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि पीतल का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं। धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। धनतेरस के संदर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियो...