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राष्ट्रीय बालिका दिवस:  बालिकाओं की सुरक्षा के हों गम्भीर प्रयास

राष्ट्रीय बालिका दिवस: बालिकाओं की सुरक्षा के हों गम्भीर प्रयास

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- रमेश सर्राफ धमोरा लड़कियों को सशक्त बनाने और समाज में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के महत्व को उजागर करने के लिए भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। यह लड़कियों के अधिकारों और अवसरों को बढ़ावा देते हुए उनकी ताकत और क्षमता का जश्न मनाने का दिन है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 में पहली बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाना शुरू किया गया था। देश में लड़कियों द्वारा सामना की जाने वाली सभी असमानताओं के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाना व बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देना इसको मनाने का मुख्य उदेश्य है। 24 जनवरी 1966 को पहली बार बतौर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपना कार्यभार संभाला था। उस दिन की याद में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाने लगा। राष्ट्रीय बालिका दिवस 2024 का विषय है आइए हम अपनी लड़कियों को मजबूत, स्वतंत...
गायब नहीं, दोजख की भट्ठी में झोंक दी जाती हैं लड़कियां

गायब नहीं, दोजख की भट्ठी में झोंक दी जाती हैं लड़कियां

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- योगेश कुमार सोनी हाल ही में संसद में महिलाओं और बच्चियों के गायब होने का आंकड़ा पेश किया गया। वह काफी चौंकाने वाला है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के इस आंकड़े के अनुसार देश में 2019 और 2021 के बीच 18 साल से अधिक उम्र की 1061648 महिलाएं और उससे कम उम्र की 251430 लड़कियां लापता हो गईं। इस अवधि में गायब होने वाली कुल महिलाओं और लड़कियों का आंकड़ा 13.13 लाख से अधिक है। सबसे अधिक लगभग दो लाख महिलाएं और लड़कियां मध्य प्रदेश से गायब हुईं। पश्चिम बंगाल लगभग 192000 के आंकड़े के साथ दूसरे नंबर पर है। वर्गीकरण किया जाए तो मध्य प्रदेश से 2019 और 2021 के बीच 160180 महिलाएं और 38234 लड़कियां और पश्चिम बंगाल से कुल 156905 महिलाएं और 36606 लड़कियां लापता हुईं। महाराष्ट्र में इस अवधि में 178400 महिलाएं और 13033 लड़कियां लापता हुई हैं। ओडिशा से 70222 महिलाएं और 16649 लड़कियां, छत्तीसगढ़ से 49116 महिल...
गणगौर: राजस्थान का प्रसिद्ध लोकोत्सव

गणगौर: राजस्थान का प्रसिद्ध लोकोत्सव

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- रमेश सर्राफ धमोरा अपनी ऐतिहासिकता के साथ राजस्थान के पर्व- त्योहार अलग महत्व रखते हैं। राजस्थानी परम्परा के लोकोत्सव एक विरासत को संजोए हुए हैं। गणगौर भी राजस्थान का ऐसा ही प्रमुख लोक पर्व है। लगातार 17 दिनों तक चलने वाला गणगौर का पर्व मूलतः कुंवारी लड़कियों व महिलाओं का त्योहार है। राजस्थान की महिलाएं चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हों, गणगौर के पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाती हैं। विवाहिता एवं कुंवारी, सभी आयुवर्ग की महिलाएं गणगौर की पूजा करती हैं। राजस्थान में सभी सम्प्रदाय फले-फूले हैं। राजस्थानी शासकों ने विश्व कल्याण की भावना से अभिभूत होकर लोक मान्यताओं का सदा सम्मान किया। इसी कारण यहां सभी पौराणिक एवं वैदिक देवी-देवताओं के मन्दिर हैं। उनके उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं। गणगौर का उत्सव भी ऐसा ही लोकोत्सव है। जिसकी पृष्ठ भूमि पौराणिक है। काल प्रभाव से उनमें शास्त्राचार के स...
महंगी शिक्षा, लड़कियों की उच्च शिक्षा में बाधा है

महंगी शिक्षा, लड़कियों की उच्च शिक्षा में बाधा है

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- सपना कुमारी समाज के चतुर्दिक विकास के लिए हर नागरिक को शिक्षित होना जरूरी है. अफसोस है कि आजादी के इतने साल बाद भी हमारे देश के सभी परिवारों तक शिक्षा की पहुंच नहीं हो पायी है. यह शिक्षा पहले कुछ लोगों तक ही सीमित थी. समय ने करवट बदली और आज देश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार तेजी से हुआ. आधुनिक युग में लोग शिक्षा का महत्व समझने लगे हैं. एक समय वंचित वर्ग के साथ ही महिलाओं को भी शिक्षा से दूर रखा गया था, लेकिन आज ये तमाम बेड़ियां टूट रही हैं. हर समाज के लोग अब पढ़ने लगे हैं. वास्तव में, एक मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास के लिए शिक्षा का उतना ही महत्व है, जितना जीवन जीने के लिए पानी की आवश्यकता है. शिक्षा हम सभी के भविष्य के लिए एक अहम भूमिका निभाती है. पहले की अपेक्षा आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का महत्व काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. अधिक से अधिक लड़के-लड़कियों को स्कूल से जोड़ने के ...

भारतीय नारी, ज्ञान परम्परा और एमएमएस

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी पंजाब के मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्राओं के नहाने का वीडियो वायरल होने पर पंजाब ही नहीं देश का सारा सभ्य समाज बुरी तरह आक्रोशित है । घटना के सामने आने के बाद से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, किंतु हम सभी आज अवश्य विचार करें कि क्या इस प्रकार से घटी यह घटना देश की पहली कोई घटना है ? या नई तकनीकि का जैसे-जैसे विस्तार हो रहा है इसके खतरे आए दिन इस वीभत्स रूप में हम सभी को देखने को मिल रहे हैं। कहना होगा कि स्त्री देह की गोपनीयता भंग कर उसके अस्तित्व को तार-तार करने वाली यह देश की उन सैकड़ों घटनाओं में से एक है जोकि प्राय: देश भर में कहीं न कहीं नित्यप्रति घट रही हैं। वस्तुत: इसी तरह का एक टेप कांड आज से तीस साल पहले राजस्थान में देखने को मिला था, तब 100 लड़कियों की अश्लील तस्वीरें उतार कर उनके साथ महीनों तक यौन शोषण किया गया। यह यौन शोषण एक दो लोगों द्वार...