Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: Ghulam Nabi Azad

गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

गुलाम नबी आजाद के मर्म को समझो भाई

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- हृदयनारायण दीक्षित गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि, 'इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ था। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इसी देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे, बाद में मतांतरित हो गए।' कांग्रेस का साथ छोड़कर डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का बयान महत्वपूर्ण है। आजाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है, 'पहले कश्मीर में कोई मुसलमान नहीं था। वहां सभी कश्मीरी पंडित थे। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। हम बाहर से नहीं आए हैं। इसी मिट्टी की पैदावार हैं। इसी मिट्टी में खत्म होना है। हिन्दू धर्म प्राचीन है।' आजाद की यह वाकई महत्वपूर्ण और तटस्थ टिप्पणी है, क्योंकि हिन्दू संस्कृति एक है। अनेक रूपों वाली यह संस्कृति सर्वसमावेशी है। अपनी मूल आत्मा में...

बिखरती कांग्रेस और राहुल पर उठते सवाल

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- ऋतुपर्ण दवे क्या कांग्रेस एक बार फिर और कमजोर हो गई? ऐसे सवाल राजनीतिक गलियारों में अब नए नहीं है और न ही कोई सनसनी फैलाते हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले हालिया नेताओं में से लगभग 90 प्रतिशत बल्कि उससे भी ज्यादा ने राहुल गांधी की लीडरशिप पर सवाल उठाया है। गुलाम नबी आजाद के आरोप हैरान नहीं करते हैं। पहले भी कांग्रेस से अलग होते वक्त या होकर कई और नेताओं ने तब की लीडरशिप पर सवाल उठाए थे। ऐसे में ये सवाल बेमानी सा लगता है कि क्या वाकई राहुल अनुभवहीन हैं या वजह कुछ और है? थोड़ा पीछे भी देखना होगा। 1967 के पांचवें आम चुनाव में ही कांग्रेस को पहली बार जबरदस्त चुनौती मिली थी जिसमें पार्टी 520 लोकसभा सीटों में 283 जीत सकी। कांग्रेस का यह तब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था। लेकिन इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस में अंर्तकलह शुरू हो गई। इसी कलह के चलते महज दो बरस यानी 1969 में कांग्रेस (...

‘गुलाम’ के कांग्रेस से ‘आजाद’ होने के मायने

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- प्रभुनाथ शुक्ल कांग्रेस के साथ अजीब विडंबना है। एक तरफ राहुल गांधी 'भारत जोड़ो अभियान' चला रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी खुद को बिखरने से नहीं बचा पा रही। कांग्रेस को जितनी उठाने की कोशिश की जा रही है वह दिन-ब-दिन उतनी ही कमजोर होती जा रही है। गुलाम नबी आजाद और दूसरे नेताओं का कांग्रेस से छिटकना बताता है कि पार्टी में सामंजस्य नहीं है। स्थिति यह भी इशारा करती है कि पार्टी में सोनिया गांधी की नहीं चल रही है। राहुल गांधी तानाशाह जैसे फैसले ले रहे हैं ? राहुल गांधी एक तरफ खुद पार्टी की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते दूसरी तरफ पर्दे के पीछे से पार्टी चलाना चाहते हैं। गुलाम नबी आजाद जैसे अनुभवी राजनेता का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है। कांग्रेस का जहाज डूब रहा है। इसका मलाल 'गांधी परिवार' को भले न हो, लेकिन देश यह सब देख रहा है। बावजूद इसके कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आंखों पर प...

कांग्रेस में गुलाम-संस्कृति

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक कश्मीरी नेता गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस को छोड़ देना कोई नई बात नहीं है। उनके पहले शरद पवार और ममता बनर्जी जैसे कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इस बार गुलाम नबी का बाहर निकलना ऐसा लग रहा है, जैसे कांग्रेस का दम ही निकल जाएगा। कांग्रेस के कुछ छोटे-मोटे नेताओं ने आजाद के मोदीकरण की बात कही है। यह लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहद भावुक होकर गुलाम नबी को राज्यसभा से विदाई देने के वाकये को जोड़कर देख रहे हैं। लेकिन कई अन्य कांग्रेस नेताओं की तरह गुलाम नबी भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। वे अपनी पार्टी बनाएंगे, जो जम्मू-कश्मीर में ही सक्रिय रहेगी। वे कोई अखिल भारतीय पार्टी नहीं बना सकते। जब शरद पवार और ममता बनर्जी नहीं बना सके तो गुलाम नबी के लिए तो यह असंभव ही है। हां, यह हो सकता है कि वे अपने प्रांत में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर चुनाव लड़ लें। सच्चाई तो यह है कि पिछ...