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ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव की घोषणा की

ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव की घोषणा की

विदेश
लंदन (London)। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) ने चार जुलाई (4th July) को देश में आम चुनाव कराने की घोषणा (Announcement of holding general elections) बुधवार को की है। उनकी इस घोषणा के साथ ही चुनाव की तारीखों को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया। लंदन में बारिश के बीच, देश के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री सुनक ने छह सप्ताह में मतदान कराए जाने की पुष्टि की। प्रधानमंत्री चुनाव की तारीख की जानकारी औपचारिक रूप से महाराज चार्ल्स को देंगे और उसके बाद संसद जल्द ही भंग कर दी जाएगी। सुनक (44) ने ब्रिटिश मतदाताओं के समक्ष अपने कायर्काल का रिकॉर्ड पेश किया। उन्होंने कहा, मैं अपनी शक्ति के अनुसार आपको मजबूत सुरक्षा प्रदान करने के लिए सब कुछ करूंगा। यह मेरा आपसे वादा है अब समय आ गया है कि ब्रिटेन अपना भविष्य चुने।...
धर्मयुद्ध है यह आम चुनाव

धर्मयुद्ध है यह आम चुनाव

अवर्गीकृत
- मृत्युंजय दीक्षित तीसरे चरण का मतदान संपन्न होने के पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि पर निर्मित दिव्य -नव्य रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना की। दोनों ने प्रभु श्रीराम को साष्टांग दंडवत करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। जहां राष्ट्रपति ने अपनी अनुभूतियां सोशल मीडिया पर साझा कीं, वहीं प्रधानमंत्री रामलला के दर्शन के उपरांत जनता का आशीर्वाद लेने के लिए रोड शो पर निकले। स्वाभाविक रूप से विगत दशक में राम मंदिर आन्दोलन के राजनीतिक खेवनहार रहे मोदी का रोड शो देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। राम मंदिर पर उमड़ने वाला यह जन समुद्र कांग्रेस, सपा, बसपा और इंडी गठबंधन में शामिल अन्य दलों को रास नहीं आता, यही कारण है कि वे प्रभु श्रीराम व उनके भव्य मंदिर से लेकर सनातन तक पर लगातार हमले करते रहते हैं। सनातन के प्रति कांग्रेस व इंडी गठबंधन ...
इस बार मतदान ‘इसलिए’ महत्वपूर्ण है

इस बार मतदान ‘इसलिए’ महत्वपूर्ण है

अवर्गीकृत
- पंकज जगन्नाथ जयस्वाल 2024 के आम चुनाव की घंटी बज चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दस साल के शासन और खंडित विपक्ष की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लगभग सभी संचार व अन्य माध्यम मोदी के लिए प्रचंड बहुमत का अनुमान लगा रहे हैं, वह भी तब जब उनके शासन के खिलाफ दो कार्यकालों से विपक्ष का झूठा विमर्श स्थापित कर विरोध चल रहा है। जब यह सब चल रहा है, तो भारतीय नागरिकों की सामान्य मानसिकता, विशेष रूप से कस्बों और शहरों में रहने वाले लोग यह मानने लगे हैं कि चूंकि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव जीत ही रहे हैं, इसलिए हमें लाइन में खड़े होकर एक खास दिन वोट क्यों देना चाहिए, जबकि हम इसके बजाय परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक पर जा सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि मतदान न करने से कोई फर्क नहीं पड़ता (मेरे एक वोट से क्या फर्क पड़ेगा)। यही कारण है कि शहरों और महानगरीय क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम ह...
अंकगणित के साथ विमर्श के मोर्चे पर भी पिछड़ी कांग्रेस

अंकगणित के साथ विमर्श के मोर्चे पर भी पिछड़ी कांग्रेस

अवर्गीकृत
- विकास सक्सेना देश के आम चुनाव के लिए सौ दिनों से भी कम समय बचा है, सभी राजनैतिक दल इसके लिए अपने-अपने तरीके से सियासी बिसात बिछा रहे हैं। विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ आने से भाजपा का कुनबा बढ़ रहा है तो विपक्षी गठबंधन बनाकर भाजपा विरोधी विमर्श खड़ा करने की जुगत में लगी कांग्रेस को इस साल की शुरुआत से ही एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब और दिल्ली में गठबंधन की संभावना खत्म होने से चुनावी अंकगणित के मामले में कांग्रेस तेजी से पिछड़ ही रही थी। इसी बीच पार्टी ने पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने का हैरान करने वाला निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट को छोड़ कर सुरक्षित तरीके से राज्यसभा सांसद बनने के फैसले से विमर्श के मोर्चे पर भी कांग्रेस पिछड़ गई है। केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने के लिए कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों ने ग...
‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ से भी ‘इन्हें’ दिक्कत है

‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ से भी ‘इन्हें’ दिक्कत है

अवर्गीकृत
- विकास सक्सेना आम चुनाव के लिए अभी से पक्ष और विपक्ष की बिसात बिछ चुकी है। लगातार दो लोकसभा चुनाव में करारी हार से बौखलाई कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मिलकर एक नया गठबंधन तैयार किया है। इसका नाम आईएनडीआईए ' इंडिया' रखा है। मजेदार बात यह है कि सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के मकसद से बना यह गठबंधन तीन बैठकें हो जाने के बाद भी न तो अपना नेता तय कर सका है, न नीति और न कार्यक्रम। केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने के लिए मुद्दे तलाश पाने मे नाकाम विपक्षी नेता जो पहले संघ, भाजपा और मोदी के खिलाफ बयानबाजी करते थे अब वे सनातन हिन्दू धर्म, उसके प्रतीकों, संस्कृति और धर्म साहित्य के साथ भारत तक के विरोध में खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सनातन भारतीय संस्कृति से उनकी घृणा कोई नई नहीं है, लेकिन अब तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता 'प्रेसीडेंट ऑफ इंड...