आखिर कब तक गैस चैंबर बनता रहेगा दिल्ली-एनसीआर?
- योगेश कुमार गोयल
दिल्ली-एनसीआर की हवा में दीवाली से कुछ दिन पहले ही इस कदर जहर घुल चुका है और हवा इतनी दमघोंटू हो चुकी है कि लोगों को न केवल सांस लेना मुश्किल हो गया है बल्कि अन्य खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इस साल अक्तूबर में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद सबसे खराब स्तर पर था लेकिन नवम्बर की शुरूआत से ही प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं और दिल्ली में एक प्रकार से सांसों का आपातकाल सा दिखाई दे रहा है, जहां चारों स्मॉग की घनी चादर छाई है। यह चादर कितनी खतरनाक है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सूर्य की तेज किरणें भी इस चादर को नहीं भेद पा रही हैं। करीब एक सप्ताह से देश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक में तेजी से गिरावट आई है। इस तरह की वायु गुणवत्ता को सेहत के लिए कई प्रकार से बेहद खतरनाक माना...