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पांच साल के अंतराल के बाद मियामी ओपन में हिस्सा लेंगे नोवाक जोकोविच

पांच साल के अंतराल के बाद मियामी ओपन में हिस्सा लेंगे नोवाक जोकोविच

खेल
मियामी (Miami)। सर्बिया के स्टार टेनिस खिलाड़ी (Serbia's star tennis player) नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) सीओवीआईडी -19 (COVID-19) और अमेरिकी यात्रा प्रतिबंधों (US travel restrictions) के कारण पांच साल के अंतराल के बाद अगले महीने मियामी ओपन (Miami Open) में लौटने के लिए तैयार हैं। विश्व नंबर 1 खिलाड़ी जोकोविच के पास छह मियामी ओपन खिताबों का रिकॉर्ड है, लेकिन हाल के वर्षों में वह उस संख्या को बढ़ाने का प्रयास भी नहीं कर सके क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने बिना टीकाकरण वाले विदेशियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी। बुधवार को टूर्नामेंट आयोजकों द्वारा टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों की सूची जारी की, जिसमें मौजूदा चैंपियन डेनियल मेदवेदेव और 2023 के फाइनलिस्ट जैनिक सिनर भी शामिल हैं। अन्य खिलाड़ियों में स्पेन के कार्लोस अल्कराज, अमेरिकी टेलर फ्रिट्ज, टॉमी पॉल, फ्रा...
‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ कौशल मांग और आपूर्ति के अंतर को मिटाने वाली अभिनव पहलः यशोधरा राजे

‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ कौशल मांग और आपूर्ति के अंतर को मिटाने वाली अभिनव पहलः यशोधरा राजे

देश, मध्य प्रदेश
-कौशल विकास मंत्री ने नई दिल्ली में कार्यशाला में उद्योग जगत से योजना को सफल बनाने सहयोग मांगा भोपाल (Bhopal)। प्रदेश की तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Minister Yashodhara Raje Scindia) ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) द्वारा प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना (Chief Minister's Learn-Earn Scheme) मध्यप्रदेश के युवाओं को उद्योग जगत की मदद से कुशल बनाने और भावी श्रमबल का निर्माण करने का प्रयास है। मंत्री सिंधिया गुरुवार को नई दिल्ली में फिक्की और मध्यप्रदेश शासन के संयुक्त तत्वावधान से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना पर फिक्की हाउस में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्चुअली शामिल हुए। कौशल विकास मंत्री सिंधिया ने कहा कि राज्य में पर्याप्त कौशल पूल और ब...
दुनिया में बढ़ती अमीरी-गरीबी की खाई

दुनिया में बढ़ती अमीरी-गरीबी की खाई

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल दुनियाभर में अमीरी और गरीबी के बीच खाई निरन्तर बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में इसमें ज्यादा इजाफा देखा गया। इसी बढ़ती खाई को लेकर पूरी दुनिया में नई बहस छिड़ी है। गरीबी उन्मूलन के लिए कार्यरत संस्था ऑक्सफैम इंटरनेशनल की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से ठीक पहले आई रिपोर्ट ‘सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ में इसे लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे किए गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 21 सबसे अमीर अरबपतियों के पास इस समय देश के 70 करोड़ लोगों से भी ज्यादा दौलत है और वर्ष 2021 में भारत की कुल संपत्ति में से 62 फीसदी हिस्से पर देश के केवल 5 प्रतिशत लोगों का ही कब्जा था जबकि भारत की निचले तबके की बहुत बड़ी आबादी का देश की केवल तीन फीसदी सम्पत्ति पर ही कब्जा रहा। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 में अरबपतियों की संख्या 102 थी, जो 2022 में 166 पर पहुंच गई पिछले साल नवम्...
भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

भारत में गरीबी-अमीरी की खाई

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक आजकल हम भारतीय लोग इस बात से बहुत खुश होते रहते हैं कि भारत शीघ्र ही दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन दुनिया के इस तीसरे सबसे बड़े मालदार देश की असली हालत क्या है? इस देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होने वालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। ऑक्सफॉम के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख करोड़ रुपेय है यानी उनके पास इतना पैसा है कि वह भारत सरकार के डेढ़ साल के बजट से भी ज्यादा है। सारे अरबपतियों की संपत्ति पर मुश्किल से दो प्रतिशत टैक्स लगता है। इस पैसे से देश के सारे भूखे लोगों को अगले तीन साल तक भोजन करवाया जा सकता है। यदि इन मालदारों पर थोड़ा ज्यादा टैक्स लगाया जाए ...